Toda Buffalo Farming: भारत के ग्रामीण इलाकों में खेती के साथ-साथ पशुपालन (Animal Husbandry) करने का भी काफी चलन है. यहां डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) और दूध उत्पादन (Milk Production) से अच्छी आमदनी कमाने के लिये गाय (Cow Farming) और भैंस पालन किया जाता है. खासकर उत्तर भारत में भैंस पालन (Buffalo Farming in India) के जरिये डेयरी फार्मिंग काफी मशहूर है. यदि पशुपालक कम समय में अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं तो भैंस की टोडा नस्ल (Toda Buffalo) के जरिये दूध उत्पादन लेकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बता दें कि टोडा नस्ल की भैंस तमिलनाडु की नीलगिरी (Neelgiri Hills, Tamil Nadu) पहाड़ियों से ताल्लुक रखती है, जो दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत में भी काफी लोकप्रिय होती जा रही है.


कैसी दिखती है टोडा भैंस 
टोडा भैंस का रंग हल्का सलेटी या गहरा सलेटी होता है. इसके छोटे शरीर और चौड़े मुंह से ही इसकी असल पहचान होती है. इस इस प्रजाति की भैंसों का माथा चौड़ा, सींग लंबे और पूंछ छोटी होती है. टोडा भैंस की टांगे काफी मजबूत होती हैं. भैंस की ये नस्ल एक ब्यांत में करीब 500 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. 


टोडा भैंस का आहार 
टोडा भैंस से बेहतर दूध उत्पादन के लिए इनके आहार में हरे चारे और सूखे चारे के अलावा फलीदार चारा, तूडी, दलिया, तिलहनी फसलों की फली और दाना आदि शामिल होता है. अफरा और बदहजमी की समस्या को रोकने के लिए विशेषज्ञों की सलाह अनुसार कुछ पोषक तत्व भी टोडा भैंस के आहार में जोड़ा जाता है, जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन-ए शामिल है.



  • अच्छी क्वालिटी के दूध उत्पादन के लिये टोडा भैंस को मक्का, गेहूं और बाजरा का दाना देना फायदेमंद रहता है

  • भैंस की अच्छी सेहत के लिए मूंगफली, तिल, सोयाबीन, अलसी, सरसों और सूरजमुखी के तेल के बीजों की खली खिलाई जाती है.

  • टोडा भैंस की तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए गेहूं की चोकर, चावलों की पॉलिश और बिना तेल के चावलों की पॉलिश खिलाने की सलाह भी दी जाती है

  • पशुओं के आहार में नमक और धातुओं का छोरा भी संतुलित मात्रा में जोड़ना लाभकारी रहता है.

  • इसके अलावा दलहनी फसलों और सब्जी फसलों के बचे हुये पौधे भी टोडा भैंस को खिला सकते हैं.


टोडा भैंस का रखरखाव 
जाहिर है कि पशुओं का बेहतर रखरखाव ही उनकी अच्छी सेहत को दर्शाता है, इसलिये पशुओं को तनावमुक्त रखने के लिए खुली हवा में तबेला बनाएं और अच्छी पानी की व्यवस्था करें.



  • पशुओं को तेज बारिश, धूप की तपिश, बर्फबारी, सर्दी और परजीवियों से बचाने के लिए छप्पर या मजबूत शेड जरूर बनवायें.

  • पशुओं के तबेले में उनके खाने और रहने की जगह बड़ी और खुली होनी चाहिए, ताकि पशु एक जगह बंधे ना रहकर थोड़ा टहल सकें.

  • पशुओं के तबेले में 30 से 40 सेंटीमीटर चौड़ी और 5 से 7 सेंटीमीटर गहरी निकास पाइप बनाएं जिससे कचरा पशु बाड़े में ना ठहरे.


डॉक्टर की जांच
वैसे तो टोडा भैंस (Toda Buffalo) एक बेहद ही सेहतमंद और लाभकारी नस्ल की पशु है, लेकिन इसके जरिए इसकी अच्छी सेहत के लिये समय-समय पर चिकित्सकीय जांच  औक टीके (Toda Buffalo Vaccination) लगवाना चाहिये. टोडा भैंस को 30 दिनों के अंतराल पर डीवार्मिंग देने की सलाह भी दी जाती है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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