Pollyhouse Farming Tips: टमाटर की खेती से होगी दमदार कमाई, जानें उन्नत तकनीक और बरतें ये सावधनियां
Tomato Farming in Pollyhouse: अगर खेती के जुड़े कामों में शुरुआत से ही सावधानियां बरती जायें, तो फसल का उत्पादन बढ़ेगा ही. साथ ही इससे किसानों को भी अच्छा मुनाफा मिलेगा.
Tomato Farming in Pollyhouse-Greenhouse: भारत में बड़े पैमाने पर बागवानी फसलों की खेती और खपत हो रही है. ऐसे में सब्जियों की बाजार मांग को पूरा करना किसानों के लिये एक बड़ी चुनौती बन गई है. वैसे तो लोग आलू, प्याज, लहसुन जैसी सब्जियों का बारहमासी इस्तेमाल करने हैं, लेकिन सब्जी की रंगत को स्वाद को बढ़ने के लिये टमाटर की खपत भी बडे़ स्तर पर की जा रही है. इसलिये सिर्फ खेतों में टमाटर उगाकर देश की जरूरत को पूरा नहीं किया जा सकता है. इसलिये कृषि वैज्ञानिक टमाटर की संरक्षित खेती करने की सलाह किसानों को देते हैं. संरक्षित खेती में पॉलीहाउस-ग्रीन हाउस में अलग-अलग सब्जियों और बेमौसमी सब्जियों को भी किसान किफायती खर्च में उगा सकते हैं.
पॉलीहाउस-ग्रीनहाउस में टमाटर की फसल लेना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है, लेकिन अगर खेती के जुड़े कामों में शुरुआत से ही सावधानियां बरती जायें, तो फसल का उत्पादन को बढ़ेगा ही, साथ ही इससे किसानों को भी अच्छा मुनाफा मिलेगा.
- टमाटर की संरक्षित खेती करते समय उन्नत किस्मों का ही चुनाव करें, इससे फसल की बढ़वार में मदद मिलती है और कीट-रोगों की संभावना नहीं रहती.
- पॉलीहाउस-ग्रीन हाउस में खेती के लिये पहले टमाटर की नर्सरी तैयार कर लें, टमाटर की पौध को सिर्फ खाद और कंपोस्ट में उगायें, मिट्टी का इस्तेमाल न करें.
- नर्सरी में बुवाई से पहले उन्नत बीजों का चुनाव करें और बीजोपचार के बाद ही इन्हें नर्सरी में बोयें.
- पॉलीहाउस में भी मिट्टी में 2-3 जुताई करें और इसमें गोबर की पकी हुई खाद मिट्टी मिलायें.
- टमाटर की संरक्षित खेती में समय पर सिंचाई की बहुत जरूरी होती है, ऐसे में किसान चाहें तो ड्रिप सिंचाई की तकनीक अपना सकते हैं, इससे पानी की बचत भी होगी.
- पॉलीहाउस में टमाटर उगाने से खरपतवार यानी अनावश्यक पौधे नहीं उगते, क्योंकि पौध नर्सरी में तैयार की जाती है, लेकिन फिर भी पौधशाला में कटाई-छंटाई का काम कते रहें.
- टमाटर की ग्रीनहाउस में खेती करने पर सफेद मक्खियों का प्रकोप झेलना पड़ सकता है, इसलिये पीली ट्रैप या कागज पर अरंड़ी का तेल लगातक इस्तेमाल करें
- पौधों और फल को गलने से बचाने के लिये उन्हें सफेद धागे से ऊंचाई पर बांध देना चाहिये, इससे बढ़वार की संभावना बढ़ जाती है.
संरक्षित खेती से कमाई
पॉलीहाउस-ग्रीन हाउस में टमाटर उगाने से चार गुना ज्यादा तक कमाई कर सकते हैं. बात करें चेरी चमाटर की तो इस तकनीक से उगने पर चेरी टमाटर का बाजार में 400 रुपये किलो तक बिक जाता है. वहीं 1000 वर्ग मीटर में ग्रीनहाउस में टमाटर उगाने से 10-15 टन टमाटर की उपज सिर्फ 9 से 10 महीने के अंदर ली जा सकती है. विशेषज्ञों की मानें तो टमाकर के एक पौधे पर करीब 50-60 टमाटर उगते हैं और एक गुच्छे में 4-5 टमाटर मिल जाते हैं. इन टमाटरों का वजन भी आम टमाटर के मुकाबले 100 से 150 ग्राम होता है. ये टमाटर सेहत के लिये तो लाभकारी होते ही हैं, किसानों को बाजार मांग और कीमत के हिसाब से भी मोटी कमाई करके देते हैं.
इसे भी पढ़ें:-
Drip Irrigation Technique:कम सिंचाई में पायें दोगुनी कमाई, जानें टपक सिंचाई तकनीक के फायदे