Double Earnings from Tomato Processing: तमिलनाडु (Tamil Nadu) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) जैसे कई राज्यों में टमाटर की कीमतें (Tomato Down Price) काफी गिर चुकी है, जिस कारण मंडियों में उपज के सही दाम नहीं मिल पा रहे. ऐसी परिस्थितियों में मजबूर होकर कई किसान टमाटर कचरे में फेंक रहे हैं, तो कुछ किसान कम कीमतों में ही सीधा ग्राहकों को टमाटर बेच रहे हैं. टमाटर के किसानों पर भारी इस संकट की घड़ी में एक समाधान निकलकर सामने आता है, जिससे किसान दोगुना दाम पर भी बिक्री कर सकते हैं.


इसे फूड़ प्रोसेसिंग यानी खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing of Tomato)  कहते हैं, जिससे फल और सब्जियों से उत्पाद बनाकर बेचने पर अच्छी कमाई हो जाती है. किसान चाहें तो खाद्य प्रसंस्कण की यूनिट (Food Processing Unit) लगाकर अच्छी आमदनी कमा सकते है.




कैसे करें प्रसंस्करण (Process of Food Processing) 
फसलों की कीमतें चढ़ती-उतरती रहती हैं. ऐसी स्थिति में किसानों को खाद्य प्रसंस्करण की यूनिट लगाने की सलाह दी जाती है, जिससे जब बाजार में कीमतें कम हों तो उनकी प्रोसेसिंग करके अच्छी आय अर्जित कर सकें. हालांकि फूड़ प्रोसेसिंग के लिये सही ट्रेनिंग, प्रोसेस्ड फूड की पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि चीजों पर अमल करना भी जरूरी है, लेकिन एक बाद टमाटर फूड़ प्रोसेसिंग शुरु करने पर नुकसान की संभावना खत्म हो जाती है और उससे बने उत्पाद को दूसरे रूप में स्टोर कर सकते हैं.  



  • कई कंपनियां टमाटर से सॉस, चटनी और टमेटो प्यूरी जैसे उत्पाद बनाकर बेचती हैं. प्रोसेसिंग यूनिट में सही -साफ तरीके से ये उत्पाद बनाये जाते हैं और बोतलों में भरकर बाजार में बेचे जाते हैं. ये उत्पाद लंबे समय तक चलाये जा सकते हैं.

  • किसानों को खेती के साथ इस तरह के सूक्ष्म उद्योग या यूनिट लगाने के लिये सरकार भी 'सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना' के जरिये आर्थिक अनुदान देती है.

  • किसान चाहें किसी कंपनी से जुड़कर या कृषि विज्ञान केंद्रों से फूड़ प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग ले सकते हैं. 

  • भारत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (Public Private Partnership for Food Processing) यानी पीपीपी के माध्यम से कई तरह के प्रसंस्करण उद्योग शुरू हो चुके हैं.

  • इसके तहत कई प्राइवेट कंपनियां टमाटर की कांट्रेक्ट फार्मिंग (Contract Farming) करवाती हैं और किसानों से निर्धारित मानकों के आधार पर उपज खरीद लेती है.

  • इस बीच कंपनियां किसानों की सारी उपज नहीं खरीदतीं, किसान चाहें तो 75 प्रतिशत उपज कंपनी और 25 प्रतिशत फसल को खुद मंडी में बेच सकते हैं.




किसान करें टमाटर का भंडारण (Cold Storage of Tomato) 
कई किसान टमाटरों या दूसरी फसलों की कीमत कम होने पर उन्हें कोल्ड स्टोरेज में स्टोर करते हैं और जब कीमतें सही हो जाती हैं तो उन्हें बाजार में बिक्री के लिये निकालते हैं. ये तरीका भी किसानों को नुकसान से बचने में मदद कर सकता है. इस काम में किसान सभा जैसे पोर्टल भी कम खर्च में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा लेने में मदद करते हैं.


क्यों घटी टमाटर की कीमतें (Tomato Down Price) 
दरअसल, गर्मी में बोई टमाटर की फसल (Tomato Crop)  में मानसून के बाद अच्छा उत्पादन दर्ज हुआ है, जिसके कारण बाजार में टमाटर की आपूर्ति  (Tomato Supply) तेज हुई है और जरूरत से ज्यादा टमाटर मंडियों तक पहुंच रहा है. कई बार बागवानी फसलों का उत्पादन (Tomato Production Increased )बढ़ जाने पर किसानों को खेती की लागत के बराबर कीमतें भी नहीं मिल पाती, जिसके विरोध में किसान फसलों को बर्बाद करने पर मजबूर हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में प्रसंस्करण (Food Processing of Tomato) का रास्ता किसानों के लिये मददगार साबित हो सकता है.




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Food Processing: इस तरीके से फसल बेचेंगे किसान, तो मिलेंगे दोगुने दाम, जानें क्या है खेती की 'पैसा डबल तकनीक'


Pusa Farm Sun Fridge: खुशखबरी! सब्जियां नहीं सड़ेगी, सूरज की गर्मी से ही होगा फसल का A1 Storage