Tomato Production In India: भारत में किसान अलग अलग तरह की फसलों की खेती करते हैं. किसान सालाना अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं. हालांकि बेमौसम बारिश, कीटों से फसलों को बहुत अधिक नुकसान होता है. आलू के अलावा टमाटर ऐसी सब्जी है, जिसका प्रयोग अधिकांश सब्जी बनाने में किया जाता है. लोग टमाटर की चटनी, सॉस समेत टमाटर की सब्जी भी बड़े चाव से खाते हैं. लेकिन टमाटर की खेती घर में भी की जा सकती है.   


घर में भी कर सकते हैं टमाटर की खेती


घर में लोग कई तरह की फार्मिंग करते हैं. इनमें आलू, बैंगन, भिंडी, टमाटर आदि सब्जियां शामिल होते हैं. इन सब्जियों को घरों में भी उगाया जाता है. किचन फार्मिंग कर पुरुष और महिलाएं घरेलू जरूरतों को पूरा कर लेते हैं. टमाटर की ऐसी ही नई प्रजाति है. इसे 4 से 5 गमले में लगाकर रख लेते हैं तो तीन महीने में टमाटर की फसल आना शुरू हो जाती है. इससे बाजार से खरीद की जरूरत नहीं पड़ती है. 


चेरी टमाटर से कर सकते हैं किचन फार्मिंग


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चेरी टमाटर की प्रजातियां बाजार में हैं. इन प्रजातियों की बुवाई कर लोग किचन फार्मिंग करते हैं. इसके लिए बाजार से बीज खरीद कर लाना होता है. इसे गमले में मिट्टी डालकर चेरी टमाटर के बीजों की बुवाई कर दी जाती है. इसमें गोबर से बना जैविक खाद डाल दें. इससे टमाटर पोष्टिक और स्वाद भरा होता है. 


सिंचाई का विशेष ख्याल रखें


चेरी टमाटर की बुवाई के बाद गमले में पानी का ख्याल रखना होता है. इससे बीजों का अंकुरण होना शुरू हो जाता है. चूंकि गर्मी अधिक होने पर टमाटर के सूखने का खतरा अधिक रहता है, इसलिए सिंचाई का ध्यान विशेष तौर पर रखें. गमले में ऑक्सीक्लोराइड के घोल का छिड़काव महीने में एक बार जरूर कर लें. इससे कीटनाशकों का खतरा बहुत कम हो जाता है. पौधे स्वस्थ्य रहें. 


बॉडी के लिए फायदेमंद है टमाटर


तीन महीने बाद ही पौधे पर टमाटर आना शुरू हो जाते हैं. आकार में छोटा होता है और बेहद स्वादिष्ट होता है. यह दिखने पर चेरी जैसा होता है, इसलिए इसे चेरी टमाटर कहा जाता है. इसे खाने से कब्ज से पीड़ित लोगों को आराम मिलता है. कैंसर रोधी काम करता है. इसके अलावा आंखों की रोशनी बढ़ाने, दिमाग को तेज करने का काम भी करता है. 


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