Top 5 Breeds of Buffalo: भारत में डेरी फार्मिंग (Dairy Farming) के लिये भैंस पालन (Buffalo Farming) काफी प्रचलन में है. गांव में लोग खेती के साथ-साथ भैंस पालन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. भैंस पालन के जरिये डेरी व्यवसाय(Dairy Business) को सफल बनाने के लिये  भैंस की अच्छी नस्लों का चुनाव करना जरूरी है. भैंसों के लिये हरा चारा, पशु आहार, बेहतर रखरखाव और समय-समय पर चिकित्सा जांच (Buffalo Health) करवाना भी जरूरी है. इन सभी बातों को ध्यान में रखकर भैंस पालन करेंगे तो कमाई में चार चांद लग जायेंगे. भैंस पालन से बेहतर दूध उत्पादन(Milk Production) करके अच्छी प्रजातियों(Buffalo Breeds) का चुनाव भी जरूरी है, इसलिये विशेषज्ञ (Animal Experts) भैंस की ये 5 प्रमुख प्रजातियों को पालने की सलाह देते हैं.




मुर्रा भैंस
मुर्रा भैंस को दुनिया की सबसे ज्यादा दुधारू भैंस के तौर पर पहचानते हैं. मूल रूप से भारत की जमीन से ताल्लुक रखने वाली मुर्रा भैंस उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के पशु पालकों की पहली पसंद है. अच्छी खुराक और रखरखाव के चलते मुर्रा भैंस साल भर में 1000-3000 लीटर तक दूध देती है.


सुरती
छोटे किसानों की आमदनी को दोगुना करने में सुरती भैंस का बड़ा योगदान रहता है, वैसे तो ये गुजरात से ताल्लुक रखती है, लेकिन उत्तर भारत में डेरी फार्मिंग के लिये काफी लोकप्रिय है. बाकी भैंसों के मुकाबले सुरती भैंस का आकार थोड़ा छोटा होता है, लेकिन अच्छे पशु आहार खिलाने पर ये साल भर में 1600-1800 लीटर दूध दे देती है.


जाफराबादी
मजबूत कद-काठी वाली जाफराबादी भैंस से भी अच्छी मात्रा में दूध मिल जाता है. इसके दूध में 8% फैट होता है, जिससे शरीर को मजबूती मिलती है. ये गुजरात के गिर जंगलों से ताल्लुक रखती है. जाफराबादी भैंस से साल भर  में 1800-2900 लीटर दूध का उत्पादन मिल जाता है.


मेहसाना
मेहसाना भैंस सुरती और मुर्रा भैंस की क्रॉस ब्रीडिंग का रिजल्ट है, जो दूसरी नस्लों की तुलना में काफी शांत स्वभावी होती हैं. मेहसाना भैंस के दूध में वसा की 7% मात्रा होती है. साल भर में इस भैंस को पालकर 1800 से 2000 लीटर दूध उत्पादन ले सकते हैं.


भदावरी
चंबल, बेतवा और यमुना नदी के निकटवर्ती इलाकों में पाई जाने वाली भदावरी नस्ल उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के किसानों की आमदनी (Farmers Income) बढ़ाने में भी काफी मददगार है. ये मूल रूप से उत्तर प्रदेश के भदावरी से ताल्लुक रखती है. इसके दूध में सबसे ज्यादा फैट (Fat Milk Production) होता है और इसके दूध से निकला घी पोषण से भरपूर माना जाता है. भदावरी भैंस पालकर साल भर में1600 से 1800 लीटर दूध का उत्पादन ले सकते हैं.


 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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