GI Tag Orange: पूरी दुनिया में पसंद की जा रही संतरा की 5 वैरायटी, सरकार से मिल चुका है जीआई टैग, जानें खूबियां
GI Tag: भारतीय फलों की लिस्ट में संतरे का नाम भी टॉप पर रहता है. देश के अलग-अलग इलाकों में संतरे की खेती हो रही है. कुछ को तो अपने अलग स्वाद, महक और स्थान विशेष पर उगने के लिए जीआई टैग भी मिला है.
Indian Orange Varieties: आज भारतीय फलों ने इंटरनेशनल मार्केट में अपना खास पहचान बना ली है. देश के अलग-अलग इलाकों से फलों का निर्यात हो रहा है. इनमें से सबसे ज्यादा फल वो हैं, जिन्हें भारत सरकार की ओर से जीआई टैग मिला है. इन फलों को एक विशेष स्थान की मिट्टी और जलवायु से खास मिलते हैं, जिससे इनका स्वाद, खुशबू, बनावट और पोषण साधारण फलों से काफा खास बन जाती है. देश में सतरों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. इनमें से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में उगने वाले संतरों को जीआई टैग दिया गया है.
कूर्ग ओरेंज
कर्नाटक कूर्ग ओरेंज को भारत सरकार ने जीआई टैग दिया है. ये संतरा पश्चिमी घाट की पहाड़ी इलाकों में पैदा होता है. कूर्ग ओरेंज का आकार मीडियम, छिलका टाइट, रंग पीला और गूदा गहरा नारंगी, कोमल और रसीला होता है. एसिड और चीनी का मिश्रण वाले इसका रस क्वालिटी का मानक है कर्नाटक के कोडागु, हासन, चिकमगलूर जिलों में कूर्ग ओरेंज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
अरुणाचल के संतरे
पूर्वोत्तर के फल-सब्जियों ने पूरी दुनिया में धूम मचाई हुई है. खट्टे-मीठे स्वाद वाला ये संतरा गोल और मीडियम साइज का होता है. इसे मैंडरिन संतरा की तरह ही है, जिसका सबसे ज्यादा निर्यात दुबई में होता रहता है. रसीले गूदे से भरपूर मैंडरिन संतरा अरुणाचल की मिट्टी और जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होता है.
मणिपुर के संतरे
मणिपुर के तामेंगलोंग मैंडरिन संतरों के बारे में तो सुना ही होगा. इन संतरों का वजन 232.76 ग्राम तक होता है, जो अपने अनोखे खट्टे-मीठे स्वाद के लिए फेमस हैं. मैंडरिन ऑरेंज में 45 प्रतिशत रस होता है, जिसमें मौजूद एस्कॉर्बिक एसिड से अच्छी सेल्फ लाइफ वाला जूस बनता है.
नागपुर के संतरे
महाराष्ट्र के नागपुर में उगने वाले संतरे देशभर नागपुरी संतरे के नाम से बिकते हैं. इन संतरों को बसों और रेलवे स्टेशनों पर आसानी से बिकते हुए देख सकते हैं. इस संतरे की फूड प्रोसेसिंग करके जूस, कैंडी, जेली आदि बनाए जाते हैं. विदेश में भी नागपुरी संतरों की काफी मांग है. समय-समय पर एपीडा और महाराष्ट्र स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड भी दुबई समेत कई देशों में इन संतरों का मांग के अनुसार निर्यात करते हैं.
जालना के संतरे
महाराष्ट्र के नागपुरी और जालना संतरों को जीआई टैग मिला हुआ है. इन संतरों में हाई टीएसएस होता है, जो मिठास का सूचक है. ये संतरे की न्यूसेलर किस्म है, जिसके छिलके काफी मोटे होते हैं. इन संतरों में पोटेशियम और नाइट्रोजन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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