Buffalo Farming: देश में खेती के साथ-साथ पशुपालन का चलन बढ़ता जा रहा है. अब किसान फसल उत्पादन के साथ-साथ दूध उत्पादन लेकर अतिरिक्त आमदनी कमाने लगे हैं. शहरों में शुद्ध-ताजा दूध की मांग बढ़ रही है, जिसे पूरा करने के लिए अब शहरों के नजदीकी ग्रामीण इलाकों में डेयरी फार्म खोले जा रहे हैं. हर किसान-पशुपालक चाहता है कि महीनेभर के अंदर ही डेयरी फार्म अच्छा मुनाफा देने लगे, लेकिन ये पूरी तरह के फार्म के मैनेजमेंट पर निर्भर करता है, हालांकि मुनाफे के इस बिजनेस को भैंस की अच्छी नस्लों से जोड़कर चालू करना फायदेमंद रहेगा.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि दूसरे मवेशियों के मुकाबले भैंस काफी अच्छी मात्रा में दूध देती है. यदि भैंस का अच्छा रख-रखाव किया जाए तो सालोंसाल डेयरी फार्म मुनाफे में रहता है.
यदि भैंस की दूध उत्पादन क्षमता के आधार पर देखें तो मुर्रा, मेहसाना और पढंरपुरी भैंस काफी फेमस है. ये भैंस मजबूत कद-काठी वाली होती है, जो रोजाना 30 लीटर के आस-पास दूध देती हैं.
मुर्रा भैंस
मुर्रा को भैंसों की सरताज भी कहते हैं. इसे दुनिया की सबसे ज्यादा दुधारु पशु के नाम से भी जानते है, जो रोजाना 30 लीटर या उससे अधिक भी दूध का उत्पादन दे सकती है. मुर्रा भैंस पहले सिर्फ उत्तर भारत तक ही सीमित थी, लेकिन देश के कई इलाकों में अब मुर्रा भैंस से डेयरी फार्म करोड़ों का मुनाफा ले रहे हैं. इस भैंस को अपने बेड़े में शामिल करें और इसकी अच्छी देखभाल करें तो सालभर ही आपको उम्मीद से ज्यादा लाभ मिल जाएगा.
मेहसाना भैंस
गुजरात और महाराष्ट्र में मेहसाना भैंस काफी लोकप्रिय है. काले-भूरे रंग की मेहसाना भैंस एक ब्यांत में 1500 लीटर तक दूध देती है. इसे संतुलित डाइट देकर रोजाना 20 से 30 लीटर तक दूध उत्पादन ले सकते हैं. सुरती भैंस भी मेहसाना भैंस जितना ही दूध उत्पादन देती है. सुरती और मेहसाना भैंस से सालाना 1400 से 1600 लीटर तक दूध उत्पादन ले सकते हैं.
पंढरपुरी भैंस
महाराष्ट्र की तमाम डेयरी फार्म में पंढरपुरी भैंस ही पाई जाती हैं.यह अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए यहां लोकप्रिय है. ये भैंस हर साल औसतन 1500 लीटर दूध उत्पादन देती है. इसके अलावा, जाफराबादी, संभलपुरी, नीली रावी, टोड़ा, साकरनाथ भैंस भी 1500 से 2000 लीटर दूध उत्पादन देती है, लेकिन अच्छी उन्नत नस्लों की बात की जाए तो आज भी मुर्रा, मेहसाना और पंढरपुरी भैंस की गिनती टॉप पर होती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें:- असली मिसाल तो इन 'डॉक्टर दीदियों' ने पेश की है, घर-घर जाकर पशुओं का इलाज करती हैं