PM Fasal Beema Yojana: प्रकृति से ही फसल की ताकत है. बारिश की रिमझिम बूंदें जब सही समय पर मिट्टी पर गिरती हैं तो फसलें लहलहा उठती हैं और किसानों की मेहनत भी रंग लाती है, लेकिन वही बारिश बेमौसम हो जाए तो तबाही लाती है. यही वजह है कि हमेशा प्रकृति में होने वाले बदलाव किसानों के लिए अच्छे नहीं होते. आज पूरी दुनिया मानती है कि जलवायु परिवर्तन खेती की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है. यही किसानों की सबसे बड़ी समस्या भी है, क्योंकि जब फसल से सही उत्पादन मिलेगा तो खुशहाली अपने आप पीछे चली आएगी, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान की भरपाई करने में काफी समय लग जाता है.


इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने साल 2026 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई है, जिसका प्रमुख उद्देश्य ओलावृष्टि, जल भराव, बाढ़,बादल फटना, प्राकृतिक तौर पर आग लगना, भूस्खलन, चक्रवाती तूफान, बैमौसम बारिश, फसल की बीमारी, आकाशी बिजली, कीटों के हमले से फसल को होने वाले नुकसान की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान करना है.


पीएम फसल बीमा योजना में फसल की हर एक अवधि को शामिल किया गया है यानी फसल बुवाई के बाद से लेकर फसल कटाई के 14 दिन बाद तक के लिए बीमित फसल के किसान को आर्थिक सुरक्षा की गारंटी दी जाती है.


कौन से सकता है लाभ
यदि आप फसल बीमा योजना में अनुसूचित फसलों की खेती करते हैं तो आप इस योजना में आवेदन करके लाभ लेने के पात्र माने जाएंगे. इसमें काश्तकार किसान और बटाईदार समेत सभी किसानों को शामिल किया गया है.


पीएमएफबीवाई में अनाज, दलहन, तिलहन और कुछ वाणिज्यिक फसलों को भी शामिल किया गया है. नए रुझानों के मुताबिक, पीएम फसल बीमा योजना को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और कामयाब योजना कहा गया है. 


आज 14 बीमा कंपनियां, 540 बैंक और 45,000 जन सेवा केंद्र पीएम फसल बीमा योजना को किसानों को पहुंचाने में लगे हैं. बता दें कि इस योजना में प्रीमियम काफी कम होता है, जिसके चलते हर आय वर्ग का किसान इस योजना का लाभ ले सकता है.


इस योजना के तहत खरीफ फसलों के लिए बीमा की राशि का 2 प्रतिशत ब्याज, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम और बगवानी-वाणिज्यिक फसलों के लिए 5 प्रतिशत बीमा प्रीमियम अदा करना होता है.


कैसे करवाएं फसल का बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हर राज्य में अलग-अलग पंजीकरण की तारीख होती है. इस मामले में अधिक जानकारी के लिए निकटतम कृषि अधिकारी, जल सेवा केंद्र या बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों से सीधे संपर्क कर सकते हैं. आप चाहें तो खुद भी pmfby.gov.in पर लॉग-इन करके Fasal Beema App/Crop Insurance App को भी डाउनलोड करके भी आवेदन कर सकते हैं.


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट डीटेल, लैंड रिकॉर्ड या जमीन के कागज, खसरा-खतौनी, बी-1,राज्य सरकार से निर्देशित अन्य डोक्यूमेंट का होना अनिवार्य है. फसल का बीमा करवाते समय आवेदन फॉर्म के साथ इन दस्तावेजों की कॉपी लगानी होगी. 


कैसे मिलता है लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आने वाली बीमित फसल को बीजों की बुवाई से लेकर कटाई के बाद सुखाने के लिए खेतों में 14 दिन तक फैलाई गई फसल में हुए जोखिम तक का कवरेज प्रदान करता है.


यदि स्थानीय आपदा, मौसम की अनिश्चितता या प्राकृतिक/दैवीय कारणों से फसलों को नुकसान होता है तो बीमित फसल के किसान को 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी, बैंक या कृषि विभाग को सूचित करना होगा.


इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाते हैं. इस बीच जोखिम की भरपाई करने के लिए आकलन फसल कटाई से मिलने वाली अनुमानित उपज के आधार पर किया जाता है. नुकसान का फिजिकल वेरिफिकशन करने के बाद बीमा कंपनियां किसानों को उचित भुगतान सीधा बैंक खाते में कर देती हैं. 


शिकायत निवारण के लिए कहां जाएं
यदि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसान को किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो बीमा कंपनी, निकटतम बैंक की शाखा, ब्लॉक या जिले में स्थित कृषि विभाग के कार्यालय या राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति के पास भी पहुंच सकते हैं. किसान कॉल सेंटर के नंबर- 1800-180-1551 पर भी कॉल कर सकते हैं.


ऋणी किसानों को राहत
बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं से लोन उठाने वाले किसानों को भी पीएम फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है. पहले इन किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेना अनिवार्य था, लेकिन फरवरी 2021 में नियम बदल दिए गए और इस स्कीम को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक कर दिया गया है, हालांकि ऋणी किसान की जिम्मेदारी है कि यदि वो फसल का बीमा नहीं करवाना चाहते तो अपने बैंक या वित्तीय संस्था को सूचित करें, अन्यथा अपने आप पीएमएफबीवाई में नाम जोड़ दिया जाएगा. आज यह योजना किसानों की सबसे बड़ी चिंता का समधान करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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