Best Price of Tractor: ट्रैक्टर को किसानों का साथी कहा जाता है. खेती-किसानी से जुड़े लगभग हर काम में ट्रैक्टर का बड़ा रोल है. आज के समय में आधे से ज्यादा कृषि यंत्र तो ट्रैक्टर से जोड़कर ही चलाए जाते हैं, जिससे किसानों को ज्यादा श्रम नहीं करना पड़ता. साथ ही, खेती की लागत और समय भी बच जाता है. देश में कई बड़ी ट्रैक्टर कंपनियां एक से एक बढ़िया मॉडल का ट्रैक्टर बेच रही हैं. यह वन टाइम इन्वेस्टमेंट वाला साधन है, जिसमें एक बारी खर्च किया जाता है, उसके बाद सालों साल मरम्मत करवाकर ट्रैक्टर उसको चलाया जा सकता है. किसान भी हर साल ट्रैक्टर नहीं खरीद सकते, इसलिए बड़ा सवाल यह है कि किन बातों का ध्यान रखें कि सही ट्रैक्टर को खरीदकर घर ला सकें.


एक्सपर्ट बताते हैं कि किसानों को अपने इलाके, आवश्यकता और बजट के हिसाब से ही ट्रैक्टर खरीदना चाहिए. वैसे तो ट्रैक्टर को 2 श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें कॉम्पेक्ट ट्रैक्टर और यूटिलिटी ट्रैक्टर शामिल है. यह दोनों ही ट्रैक्टर अलग-अलग तरीके से काम करते हैं. अच्छा रहेगा आप ट्रैक्टर खरीदने से पहले इन दोनों के बारे में जान लें.


क्या होता है यूटिलिटी ट्रैक्टर 
आपको बता दें कि यूटिलिटी ट्रैक्टर को all-in-one ट्रैक्टर भी कहते हैं, क्योंकि यह खेती से जुड़ा लगभग हर काम आसानी से कर सकता है. यूटिलिटी ट्रैक्टर में वही सारे फीचर होते हैं, जो खेती से जुड़े हर छोटे और हर बड़े काम को निपटा सकते हैं. अच्छी बात यह है कि पहाड़ी और बर्फीले इलाकों में भी एक ट्रैक्टर कारगर है.


बर्फ जमने पर यूटिलिटी ट्रैक्टर की मदद से आसानी से बर्फ को साफ किया जा सकता है. इन ट्रैक्टरों में 40 एचपी से 100 एचपी तक की हॉर्स पावर होती है, जो खेतों की जुताई से लेकर खाद, उर्वरक, अनाज, फल, सब्जी आदि की ढुलाई के साथ-साथ फ्रंट एंड लोडर के तौर पर भी काम करते हैं.


कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर क्या है 
अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ बड़ी कृषि परियोजनाओं के लिए छोटे साइज के ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जाता है. यह ट्रैक्टर 25 से 60 हॉर्स पावर के होते हैं. सस्ता होने के बावजूद सारे कामों को बेहतर प्रबंधन के साथ निपटा देते हैं.


यह ट्रैक्टर छोटे किसानों के लिए बेहद सुविधाजनक माने जाते हैं. जाहिर है कि छोटे किसानों का ज्यादा बजट नहीं होता. ऐसे में नाबार्ड लोन लेकर भी कॉम्पेक्ट ट्रैक्टर खरीद सकते हैं और अपनी खेती-किसानी को आधुनिक बना सकते हैं.


क्या है अंतर 
आमतौर पर कॉम्पेक्ट ट्रैक्टरों को ज्यादा सुविधाजनक माना जाता है, क्योंकि यह अपनी फीचर्स के साथ ज्यादा काम संभाल सकते हैं. इन ट्रैक्टरों का वजन और बनावट काफी मजबूत होती है. वहीं सबकॉन्पैक्ट वाहनों के मुकाबले कॉम्पेक्ट ट्रैक्टर में ज्यादा अच्छी ग्राउंड क्लीयरेंस भी है. कॉम्पेक्ट ट्रैक्टर का मॉडल कम खर्च में अधिक कार्य क्षमता को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो छोटे और संकरीले रास्तों से भी आसानी से निकल जाता है.


वैसे सही मायनों में देखें तो ट्रैक्टर का इस्तेमाल पूरी तरह काम के बोझ पर निर्भर करता है. कमर्शियल फार्मिंग करने वाले किसानों के लिए यूटिलिटी ट्रैक्टर ज्यादा अच्छा बताया जाता है, जबकि कभी-कभी ट्रैक्टर का इस्तेमाल करने वाले छोटे किसान यह सामान्य वर्ग के किसानों के लिए कॉन्पैक्ट ट्रैक्टर लाभकारी रहेगा. ट्रैक्टर के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं और अपनी आवश्यकता के हिसाब से ट्रैक्टर के बारे में जानकारी ले सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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