Tractor Price: केंद्र सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है कि देश में खेती किसानी को बढ़ावा दिया जाए. इसके लिए किसानों सस्ती दरों पर तकनीक, बीज व अन्य सुविधा मुहैया कराती हैै. खेती में ठीक मुनापफा कमाकर देश के किसान भी तरक्की कर रहे हैं. इसका असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी देखने को मिल रहा है.  आंकड़ों को देखें तो देश का किसान उन्नत हुआ है. अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में ट्रैक्टर की बिक्री 9 प्रतिशत तक बढ़ गई है. 


इस साल 9 लाख से अधिक बिक सकते हैं ट्रैक्टर  
अधिकांश किसान ही ट्रैक्टर को खेती में इस्तेमाल करते हैं. वहीं कुछ लोग ढुलाई के काम में भी ट्रैक्टर का प्रयोग कर लेते है. लेकिन उनकी संख्या अधिक नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू बाजार में ट्रैक्टर खरीद तेजी से बढ़ी है. अप्रैल से नवंबर के बीच 6.78 लाख ट्रैक्टर्स की बिक्री देश में हो गई है. वहीं, चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति यानि मार्च 2023 तक ये आंकड़ा 9 लाख रुपये के स्तर को पार सकता है. जानकारों का कहना है कि देश में पहली बार इतने अधिक ट्रैक्टर की बिक्री होगी. 


दस साल में तेजी से बढ़ी ट्रैक्टर की बिक्री
ऑटो मोबाइल सेक्टर में कारों की बिक्री पर सभी की निगाहें टिकी रहती हैं. ट्रैक्टर खरीद बिक्री पर खास ध्यान नहीं जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में देश में इस सेगमेंट का बाजार तेजी से बढ़ा है. पिछले 10 सालों में ट्रैक्टर की बिक्री दो गुना तक बढ़ गई हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2010-11 में देश में ट्रैक्टर की 4.80 लाख यूनिट बिकी थीं. वहीं वर्ष 2020-21 में बढ़कर ये 8.99 लाख यूनिट हो गई. इस साल आंकड़ा और अधिक बढ़ने का अनुमान है.


कोरोना नहीं डाल सका बिक्री पर असर
कोरोना के कारण आटोमोबाइल सेक्टर का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ था. लोगोें के बेरोजगार होने और काम ठप होने के कारण कार खरीद बेहद कम हो गई थी. लेकिन कोविड का असर ट्रैक्टर बिक्री पर नहीं देखने को मिला. इसके पीछे वजह बताई गई है कि कोविड के कारण खेती बाढ़ी के काम पर कोई खास फर्क नहीं आया. लोगों ने पफल सब्जियां, अनाज खाना नहीं छोड़ा. इसी कारण किसान लगातार तरक्की करते गए.  


बैल पालने से हो रहा मोहभंग
पहले खेत में बैल ही खेती जोता करते थे. खेती के अधिकांश काम बैलों की मदद से निपटा लिए जाते थे. लेकिन अब हालात बदले हैं. किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर खरीदने के लिए एक बार ही खर्च करना होता है. लेकिन बैल के साथ कंडीशन अलग है. दो बैलों की जोड़ी करीब एक लाख रुपये तक पड़ती है. इसके अलावा भूसा, चारा बेहद महंगा हो जाता है. किसानों का बैल पालन की ओर से मोहभंग हो रहा है. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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