APPLE MARKET : इस पोर्टल से व्यापारियों को 20 रुपये सस्ता मिला सेब, बिचौलियों की हुई छुट्टी
केंद्र सरकार ने व्यापारियों को सब्जी उनके दरवाजे तक पहुंचाने के लिए पोर्टल की शुरुआत की है. व्यापारियों ने इसका लाभ लेना भी शुरू कर दिया है. झारखंड में बेहद सस्ता सेब व्यापारियों को मिला है.
E- NAM PORTAL: स्वस्थ्य रहना है तो एक सेब रोज खाइए, यह पुरानी कहावत है. लेकिन सेब के दामों में लगी आग के कारण यही एक फल रोज आम आदमी की पहुंच से दूर है. वजह, बिचैलियों द्वारा सेब को जम्मू कश्मीर से लाकर मनमाने दामों पर बेचना.
यही सेब थोक व्यापारियों को महंगे दामों पर मिलता है तो वो छोटे दुकानदारों को महंगे दामों पर बेच देते हैं. वहां से महंगा हुआ सेब (costly apple) घर की रसोई तक बहुत महंगे रेटों में पहुंचता है.
केंद्र सरकार ने बिचौलियों पर नकेल कसने के लिए E-NAM पोर्टल लांच किया है. इस पोर्टल का फायदा यह हुआ है कि एक राज्य के व्यापारियों ने पोर्टल से ही 15 से 20 रुपये सस्ता सेब मंगा लिया है.
झारखंड में पहुंचा 45 रुपये प्रति किलो सेब
झारखंड के व्यापारियों ने E- NAM पोर्टल से सेब की खेप मंगाई थी. सेब का पहला लॉट झारखंड पहुंच गया है. यह 60 से 65 रुपये प्रति किलो मिलता था, जो कि 45 रुपये किलो ही व्यापारियों को मिल गया है. धनबाद बाजार समिति से जुड़े व्यापारियों ने इस पर खुशी जाहिर की है.
धनबाद के अलावा अन्य जिलों से डिमांड भी पोर्टल पर की गई है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने धनबाद व्यापारियों की ओर से उठाए कदम पर खुशी जाहिर की है.उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों से भी डिमांड होने की उम्मीद है. इससे यहां रहने वाले लोगों को सस्ता सेब मिल सकेगा.
आइए E- NAM पोर्टल को समझ लेते हैं
E-NAM की फुल फॉर्म ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट है. इसका मकसद देश में कृषि उत्पादन को इंटरनेट के माध्यम से बढ़ावा देना है. पोर्टल का शुभारंभ कृषि मंत्रालय ने किया है. इस पोर्टल की मदद से देशभर के किसान अपने घर से ही किसी मंडी और व्यापारी को फसल बेच सकते हैं.
यह पोर्टल व्यापारी और किसान के बीच बिचैलियों को खत्म करता है. देशभर की कृषि व खाद्य उत्पाद मंडियां आपस में जुड़ी हुई हैं. आंकड़ाें के अनुसार पोर्टल से अभी तक एक हजार से अधिक मंडियां जुड़ चुकी हैं. इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी फसल ऑनलाइन बेच सकते हैं. किसान को भुगतान भी ऑनलाइन ही मिलेगा.
6 साल में पौने दो करोड़ किसान जुड़े
पोर्टल को शुरू किए 6 साल से अधिक गुजर चुके हैं.इसकी शुरुआत अप्रैल 2016 में हुई थी.पोर्टल पर अभी तक देश के करीब पौने दो करोड़ किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.कृषि मंत्रालय के अनुसार पोर्टल के तहत 21 राज्य कवर किए जा चुके हैं.अन्य राज्यों को कवर किए जाने की तैयारी चल रही है.करीब 2.20 लाख व्यापारी सीधे तौर पर पोर्टल से जुड़ चुके हैं.
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