Traditional Remedies for Lumpy Disease: भारत के 6 राज्यों में लंपी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease in Animals) का संक्रमण पशुओं को बेहाल कर रहा है, जिसके चलते गुजरात और राजस्थान के साथ कई राज्यों में गाय-भैंसों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. ये बीमारी परजीवियों के जरिये कमजोर पशुओं तक फैलती जा रही है. खासकर दुधारू पशुओं पर इसका काफी बुरा असर हो रहा है, जिसकी रोकथाम के लिये गौट पॉक्स के टीके (Goat Pox Vaccine) लगाये जा रहे हैं. वैसे तो भारत में लंपी त्वचा संक्रमण की पहली स्वदेशी वैक्सीन (Lumpy Skin Disease Vaccine)  विकसित कर ली गई है, लेकिन पशुओं तक पहुंचने से पहले उनकी सही देखभाल करना बेहद जरूरी है.


लंपी संक्रमण का परंपरागत उपचार 
पुराने समय भी जब विज्ञान और टीका नहीं होते थे, तब आयुर्वेदिक इलाजों से ही पशुओं और इसानों को उपचार दिया जाता है. इसी तर्ज पर पशु विशेषज्ञों ने लंपी संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाने वाले देसी उपाय सुझायें, जिससे वैक्सीन लगने तक पशुओं को मजबूत सुरक्षा कवच मिल सकता है. 


इस मामले में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Research Institute) ने भी लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम करने के लिये कुछ परंपरागत इलाज की विधि की जानकारी दी है, जिनसे पशुओं का काफी हद तक राहत मिल सकती है. पशुओं को ये उपचार देने से पहले कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि लंपी वायरस से ग्रस्त पशुओं से संक्रमण दूसरे स्वस्थ पशुओं में ना फैले. इसके लिये बीमार पशुओं के लिये अलग से रहना, खाना-पानी और-साफ-सपाई की व्यवस्था जरूर करें.


पशु आहार में खिलाएं देसी दवा 
पशुओं को इस संक्रमण से छुटकारा दिलाने के लिये पशु आहार में आयुर्वेदिक खुराक भी जोड़ सकते हैं, जिसे बनाने के लिये  10 पान के पत्‍ते, 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम नमक और गुड़ आदि सामानों की जरूरत होगी.



  • सबसे पहले 10 पान के पत्‍ते, 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम नमक को पीसकर गाढा पेस्ट बना लें और उसमें गुड़ डालकर मिश्रण बनायें.

  • पहले दिन में इस आयुर्वेदिक मिश्रण को हर तीन घंटे के बीच पशुओं को सीमित मात्रा में खिलायें.

  • दूसरे दिन से अगले 15 दिन तक तीन खुराक प्रति दिन के हिसाब से पशुओं को खिलाते रहें.

  • अच्छे नतीजों के लिये पशुओं को इस देसी मिश्रण की ताजा खुराक बनाकर पशुओं को सेवन करवाना चाहिये.


घाव पर लगाएं देसी मरहम 
जाहिर है कि लंपी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease in Animals) का संक्रमण पशुओं में फैलने पर पूरा शरीर गांठों से भर जाता है, जिनके कारण पशुओं में बुखार-ताप की समस्या बढ़ जाती है. इस समस्या को नियंत्रित करने के लिये 1 मुठ्ठी कुम्‍पी की पत्तियां, 10 लहसुन की कली, 1 मुठ्ठी नीम की पत्तियां, 1 मुठ्ठी मेहंदी की पत्तियां, 500 मिली. नारियल या तिल का तेल और 20 ग्राम हल्‍दी पाउडर के साथ 1 मुठ्ठी तुलसी के पत्‍तियां लाकर रख लें.



  • सभी पत्तियों को हल्दी के साथ पीसकर मिश्रण बनायें और नारियल या तिल के तेल में उबाल लें.

  • इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद मवेशियों को नहरालकर उनके घाव पर लगायें. 

  • पशुओं के शरीर पर घाव और गांठों में कीड़े दिखने  पर नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाना फायदेमंद रहता है.

  • आप चाहें तो सीताफल की पत्तियों की पीसकर भी घाव पर लगा सकते हैं. इन उपायों से पशुओं में संक्रमण (Cure Lumpy Skin Disease in Animals) की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Lumpy Skin Disease: क्या देसी उपायों से भी ठीक हो सकता है लंपी त्वचा रोग, बाड़मेर से सामने आया सफल इलाज का किस्सा


Lumpy Skin Disease: गायों में लम्पी की बीमारी का कहर, जानें इस वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके