Turmeric Farming: देश के लगभग हर घर में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. ये एक बेहद ही महत्वपूर्ण मसाला है. भारत इसकी खेती भी बड़े स्तर पर होती है. कई राज्यों में इसे उगाया जाता है. हल्दी की खेती करते वक्त किसान भाइयों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जिससे उनका तगड़ा मुनाफा होता है और उन्हें बम्पर पैदावार मिल सकती है.
रिपोर्ट्स के अनुसार हल्दी गर्म और उमस भरी जलवायु में अच्छी तरह से उगती है. इसके लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान सही होता है. हल्दी के लिए अच्छी जल निकासी वाली, दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है. मिट्टी का पीएच 6.5 से 8.5 के बीच होना चाहिए. हल्दी की अच्छी पैदावार के लिए खाद का उचित इस्तेमाल करना जरूरी है. गोबर की खाद, नीम की खली और यूरिया का प्रयोग लाभदायक होता है.
कितने समय में होती है तैयार
हल्दी की बोआई जून-जुलाई महीने में की जाती है. बुवाई के लिए स्वस्थ और रोग मुक्त कंदों का चयन करना जरूरी है. सिंचाई की बात करें तो इसे नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है. किसानों को इसकी खेती करते वक्त नियमित रूप से निराई-गुड़ाई करनी चाहिए. जिससे खरपतवारों की वृद्धि रुकती है और फसल को पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है. कटाई की बात की जाए तो हल्दी की फसल 9-10 महीने में तैयार हो जाती है. कटाई होने के बाद इसे धूप में सुखाया जाता है.
जैविक रूप से खेती करना अच्छा विकल्प
एक्सपर्ट्स की मानें तो हल्दी की खेती के लिए जैविक विधि का प्रयोग करना जरूरी है. इसकी फसल को मिश्रित खेती के रूप में भी उगाया जा सकता है. हल्दी की उन्नत किस्मों की खेती करके किसान भाई ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
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