Union Budget 2023: देश की 2 बड़ी कृषि योजनाओं में बदलाव की संभावना, लोन-बीमा की ब्याज दरों में राहत की उम्मीद
Krishi Budget 2023: कुछ दिन पहले ही सरकार ने PMFBY में जलवायु परिवर्तन और तकनीकों की तर्ज पर बदलाव करने के संकेत दिए थे. अब KCC Loan के रिनीवल के बाद भुगतान में राहत मिलने की उम्मीद जताई गई है.
Agri Budget 2023: 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से किसानों को कई उम्मीदें है. कुछ दिन पहले ही सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जलवायु संकट और टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास के बीच किसान हितैषी बदलाव करने का ऐलान किया था. अब इसे सीधा कृषि बजट 2023 (Agri Budget 2023) से जोड़कर देखा जा रहा है. दूसरी तरफ SBI Resaerch की ताजा रिपोर्ट में KCC Loan के रिनीवल के तहत ब्याज के भुगतान में भी किसानों को रियायत देने की आवश्यकता पर बल दिया है. दोनों योजनाएं ही कृषि क्षेत्र के विकास विस्तार में अहम योगदान दे रही हैं.
एक तरफ जलवायु परिवर्तन के बीच PMFBY के तहत बीमित फसल की आर्थिक सुरक्षा की गांरटी मिलती है तो वहीं खेती-किसानी से जुड़े छोटे-मोटे खर्चों को पूरा करने के लिए KCC के तहत सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करवाया जा रहा है. इन दोनों ही योजनाओं में किसानों का विश्वास बढ़ा है, लेकिन अब इनमें किसान हितैषी बदलाव और रियायतों की उम्मीद की जा रही है.
बजट में हो सकती है केसीसी की समीक्षा
छोटे और हाशिये पर गुजर-बसर करने वाले किसानों के लिए बजट 2023 में (Union Budget 2023) इंसेंटिव की घोषणा की जा सकती है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में ना सिर्फ जलवायु संबंधी चुनौतियां बढ़ी हैं, बल्कि कृषि की लागत में भी इजाफा देखा गया है.
ऐसे में कृषि योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने और देश के हर किसान तक इन योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अहम बदलाव हो सकते हैं. इस मामले में एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC Loan) पर उपलब्ध करवाए जा रहे लोन के रिनीवल में ब्याज का भुगतान अनुकूल होना चाहिए.
जाहिर है कि किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन के रिनीवल हेतु ब्याज सहायता राशि तय करने के लिए मूलधन और ब्याज का पूरा भुगतान करना अनिवार्य होता है, लेकिन कई बार छोटे और हाशिए पर रहने वाले किसानों की कृषि से जुड़ी आवश्यकताओं के चलते केसीसी लोन रिन्यू (KCC Loan Renewal) भी करवाना पड़ जाता है.
इस मामले में एसबीआई की रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि बजट 2023-23 में खेती-किसानी के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम पर भी विचार हो सकता है. इस मामले में मनी कंट्रोल की रिपोर्ट में एसबीआई के पूर्व चेयरपर्सन रजनीश कुमार बताते हैं कि कृषि योजनाओं में एनपीए बढ़ रहा है, इसलिए सरकार को केसीसी जैसी स्कीम्स में सुधार करना चाहिए.
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किसान क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले वित्तीय सेवा विभाग के सचिव डॉ. विवेक जोशी ने भी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों को निर्देश दिए थे कि किसानों तक केसीसी लोन की पहुंच बढ़ाने के लिए पीएम किसान (PM Kisan Yojana) के डेटाबेस को भी शामिल कर सकते हैं. इससे लघु सीमांत किसानों को केसीसी से जोड़ना और भी आसान हो जाएगा.
पीएम फसल बीमा योजना मे बदलाव की उम्मीद
बढ़ती जलवायु संबंधी चुनौतियों के बीच कृषि क्षेत्र में नुकसान बढ़ता जा रहा है. इस बीच सभी की नजरें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Beema Yojana) पर ही है. पिछले साल कृषि सचिव मनोज अहूजा ने भी घोषणा की थी कि जलवायु संकट और तकनीकों के लगातार विकास के बीच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान समर्थक बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से तैयार है.
यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि खेती सीधा जलवायु आपदाओं से प्रभावित होती है. इस बीच देश के कमजोर किसान समुदाय को मौसम की मार से बचाना आवश्यक है. आने वाले समय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की मांग बढ़ने की पूरी संभावना है. इस बीच फसल, गांव और कृषि उत्पादों के अन्य पहलुओं पर फोकस करने के लिए किसानों के पर्याप्त बीमा सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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