Union Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 पेश कर दिया है. कृषि बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की रकम बढ़ाने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन बजट में पीएम किसान योजना को लेकर कोई जिक्र हुआ ही नहीं, लेकिन कुछ किसानों को आने वाली 13वीं किस्त के तौर पर 4,000 रुपये दिए जाएंगे.


दरअसल 11वीं किस्त के बाद से ही सरकार ने ई-केवाईसी और लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है. लाखों किसानों ने अभी तक सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है, जिसके चलते उनके खाते में 12वीं किस्त भी नहीं ट्रांसफर हुई है. इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों ने भी कहा है कि सत्यापन करवाने के बाद 13वीं किस्त के साथ-साथ 12वीं किस्त के 2,000 रुपये दिए जाएंगे. इस तरह कुछ किसानों को एक साथ 4,000 रुपये का सहायतानुदान मिल जाएगा.


बेशक, इस साल के बजट में किसानों के लिए सम्मान निधि से जुड़ी कोई घोषणा नहीं हुई, लेकिन खेती की लागत को कम करने का मंत्र अवश्य मिल गया, जिससे आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी. आसान शब्दों में समझें तो इस साल सरकार का फोकस बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करने, कृषि तकनीक को बढ़ाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ाने, पशुपालन, मछली पालन, माइक्रो फर्टिलाइजर, एग्रीकल्चर स्टार्ट अप और सहकार से समृद्धि पर रहा.


कृषि बजट 2023 में जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई अहम घोषणाएं हुईं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगले 3 साल में 2 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का सपना है, जिसे साकार करने के लिए देशभर में 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर्स की स्थापना की जाएगी.  


नए बजट में माइक्रो फर्टिलाइजर की उपलब्धता बढ़ाने पर भी फोकस रहा. कैमिकल फर्टिलाइजर के संतुलित प्रयोग के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए पीएम प्रणाम योजना (PM Promotion of Alternate Nutrients for Agriculture Management Yojana) का संचलन होगा. गोबर और इससे बने उत्पादों को बढ़ावा देने लिए गोबर धन योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. 


अब किसानों की आय बढ़ाने और खेती-किसानी में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए बजट 2023  में कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा हुई है. खासतौर पर पशुपालन और मछली पालन सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए अब कर्ज लेना आसान हो जाएगा. 


मछली पालन को बढ़ावा देने वाली प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा स्कीम के तहत सब स्कीम लॉन्च करने की बात हुई है, जिसके लिए 6,000 करोड़ की राशि आबंटित किए जाएंगे. साथ ही बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 2,200 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की गई है.


कृषि से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में आय और रोजगार सृजन के उद्देश्य से कृषि स्टार्ट अप को बढ़ावा देने की बात कही गई है, जिसके लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड' कृषि निधि बनाया जाएगा. वहीं सहकार से समृद्धि अभियान  के तहत  63000 एग्री सोसायटी को कंप्यूटराइज्ड करने का भी ऐलान हुआ है.
 
पोषक अनाज/कदन्न/मोटा अनाज को श्री अन्न के नाम से पहचाना जाएगा, जिसे प्रोत्साहित करने के लिए श्री अन्न योजना की भी बात हुई. भारत को श्री अन्न का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए हैदराबाद का उत्कृष्टता केंद्र अहम रोल अदा करेगा.


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