Union Budget 2023: अब हमारे किसान सिर्फ फसल उत्पादन तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि कृषि स्टार्ट अप और एग्री बिजनेस के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने का भी काम करेंगे. इस संबंध में बजट 2023-24 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस बजट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुईं थी. अब हमारी सरकार ग्रामीण इलाकों में भी कृषि स्टार्ट अप को बढ़ावा देगी. इसके लिए कृषि वर्धक निधि यानी एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड की भी स्थापना होगी, जिसमें गांव के युवाओं और अन्य युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा. यह किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की दिशा में अहम कदम बताया जा रहा है, क्योंकि किसानों को सबसे ज्यादा समस्या बाजार की होती है.
अपनी उपज के बेहतर दाम पाने के लिए किसानों को प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन से भी जोड़ा जा रहा है, लेकिन पूंजी निवेश एक बड़ा मुद्दा है कि इतना बड़ा फंड लाएं कहां से? सरकार ने इसी समस्या का समाधान के तौर पर एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड की स्थापना का ऐलान किया गया है. इससे किसानों को आर्थिक मदद के साथ तकनीकी सहयोग भी मिलने की उम्मीद है.
स्टार्ट अप से रोजगार तक
संसद भवन में बजट 2023-24 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा कि कृषि की रफ्तार को बढ़ाने के लिए एक विशेष कोष एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड स्थापित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में एग्री इनोवेशन को प्रोत्साहित करेगा, ताकि हमारे युवा भी किसानों के सामने खड़ी चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए नए प्रोडक्ट बना सकें और उत्पादकता को बढ़ाया जा सके. इससे आय के नए साधनों को सृजन होगा और रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना
कृषि को रफ्तार प्रदान करते हुए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का गठन होगा, जो ओपर सोर्स, ओपर स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक गुड के तौर पर काम करेगा, जिससे क्रॉप प्लानिंग के लिए कृषि एवं किसान केंद्रित समस्याओं के समाधान विकसित करने में खास मदद मिलेगी. किसानों तक कृषि इनपुट, बीमा, लोन की पहुंच में सुधार होगा.
कपास का बढ़ेगा उत्पादन
कृषि में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे अच्छा मुनाफा कमाने में भी मदद मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कपास की उत्पादकता को और बेहतर बनाने के लिए पीपीपी मॉडल के जरिए क्लस्टर बेस्ड और वैल्यू चेन अप्रोच को अपनाया जाएगा . इसमें किसानों, राज्यों और उद्योगों की आपसी सहयोग स्थापित किया जाएगा, जिससे इनपुट सप्लाई, एक्सटेंशन सर्विस और मार्केट लिंकेज में भी मदद मिलेगी.
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