Copra MSP: किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयासरत है. आए दिन कृषि नीति और कानून में किसान हितौषी बदलाव किए जा रहे हैं. खेती की लागत को कम करने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही है. अब केंद्र सरकार ने एक और घोषणा की है, जिससे नारियल की खेती करने वाले किसानों को ना सिर्फ अच्छा रिटर्न मिलने लगेगा, बल्कि नारियल का रकबा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने मिलिंग खोपरा (नारियल) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 270 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया है. साथ ही, बॉल खोपरा के न्यूनतम समर्थन (MSP) मूल्य भी 750 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिए हैं. इससे नारियल के किसानों को अच्छी आमदनी होगी और भविष्य में नारियल की खेती और प्रसंस्करण बिजनेस (Food Processing) की तरफ बढ़ने में भी खास मदद मिलेगी.
नारियल उत्पादक राज्यों का सुझाव
पीआईबी की एक ताजा रिपोर्ट में जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्केटिंग सीजन 2023 (Rabi Season 2023) के लिए खोपरा के नए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है. नई कीमतों का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश और प्रमुख नारियल उत्पादक राज्यों के सुझाव पर किया गया है.
अब से इन कीमतों पर बिकेगा नारियल
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में यह भी बताया गया है कि मार्केटिंग सीजन 2023 के लिए मिलिंग खोपरा की एमएसपी में 270 रुपये बढ़ाए गए हैं. अब से यह 10,860 रुपये क्विंटल के भाव पर बिकेगा. वहीं बॉल खोपरा के दाम में 750 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके बाद अब बॉल खोपरा भी 11,750 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिकेगा. इससे नारियल के किसानों को खेती की लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने में खास मदद मिलेगी.
दाल, गेहूं, चावल से ज्यादा मुनाफे का बिजनेस
ज्यादातर लोगों के लिए खेती-किसानी सिर्फ गेहूं, चावल, दाल और सब्जियों तक ही सीमित है. यदि किसान वैज्ञानिक तकनीकों के जरिए नारियल जैसी नकदी फसलों को उगाएं तो कम लागत में अच्छा पैसा कमा सकते हैं. देश में बढ़ती नारियल की डिमांड के बीच इसकी खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
अच्छी बात यह भी है कि एक बार नारियल की रोपाई करके 80 साल तक फलों का प्रोडक्शन ले सकते हैं. साथ ही, बागों में खाली पड़ी जगहों पर काली मिर्च, इलायची या दूसरी मसाला फसलों की खेती करके अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं. भारतीय और विदेशी बाजारों में अब नारियल और इससे बने उत्पादों की मांग बढ़ रही है. सबसे ज्यादा डिमांड नारियल के तेल की होती है, इसलिए आप चाहें तो खेती के साथ-साथ नारियल का प्रोसेसिंग बिजनेस करके भी अच्छा रिटर्न ले सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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