Budget 2023: यूपी कृषि बजट में Agri Tech Startup को बढ़ावा, किसानों को क्या कुछ मिला? यहां जानें
UP Budget 2023: यूपी के बजट में सबसे पहले कृषि क्षेत्र को लेकर घोषणाएं हुईं. इसमें किसान पेंशन स्कीम से एग्रीटेक स्टार्ट अप, पशुपालन, सिंचाई, कृषि शिक्षा और रिसर्च, दुग्ध विकास और मछली पालन शामिल है.
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UP Agri Budget 2023: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में 2023-24 के लिए बजट पेश हो चुका है. इसे राज्य में अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया गया है. इसमें सरकार ने राज्य में विकास-विस्तार और तमाम परियोजनाओं के लिए 7 लाख करोड़ के खर्च का प्रावधान किया है. यूपी का नया बजट पेश करते हुए राज्य के वित्त मंत्री ने सबसे पहले कृषि क्षेत्र के लिए कई अहम घोषणाएं कीं, जिसमें किसान पेंशन स्कीम से लेकर एग्रीटेक स्टार्ट को बढ़ावा देने के लिए ऐलान हुआ. इस दौरान राज्य में पशुपालन, सिंचाई, कृषि शिक्षा और रिसर्च, दुग्ध विकास और मछली पालन क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए भी कई अहम घोषणाएं की गईं.
सबसे पहले कृषि क्षेत्र की हुई बात
अमृतकाल का पहला बजट पेश करते हुए यूपी के वित्त मंत्री सुरेस कुमार खन्ना ने राज्य में कृषि क्षेत्र के विकास-विस्तार पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि राज्य में 188.40 लाख हेक्टेयर जमीन खेती योग्य है. कृषि प्रधान राज्य होने के साथ-साथ गन्ना, चीनी और एथेनॉल प्रोडक्शन का भी केंद्र है. राज्य के किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करने के मामले में भी यूपी अब पहले स्थान पर काबिज हुआ है. इसी कड़ी में किसान पेंशन स्कीम के तहत 7,248 करोड़ के बजट का प्रस्ताव किया गया है.
पशुपालन के लिए अहम घोषणाएं
उत्तर प्रदेश के नए बजट में पशुपावन सेक्टर पर विशेष फोकस रहा. इस बार छु्ट्टा गोवंशों के रख-रखाव के लिए 750 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है. इसके लिए राज्य में 120 करोड़ की लागत से वृहद गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा, पशु रोग नियंत्रण के लिए 116.52 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है. राज्य में भेड की अधिक आबादी वाले जिलों में भेड पालन योजना के तहत 3.44 करोड़ का बजट का प्रस्ताव किया है.
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा
यूपी के नए बजट 2023-24 में कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए भी विशेष घोषणाएं की गईं. राज्य में 4 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना के संचालन के लिए 20 करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है. इसमें 50 करोड़ के बजट से महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना करने की प्लानिंग है. इसके अलावा, कानपुर, अयोध्या, मेरठ और बांदा में भी संबंधित कार्यों के लिए 35 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है. यूपी के बजट में ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान हुआ है, ताकि किसानों को नई तकनीक और उन्नत खेती का प्रशिक्षण दिया जा सके. इस कड़ी में साल 2023-24 में 17,000 किसान पाठशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा.
ऐसे होगा यूपी के कृषि क्षेत्र का विकास
यूपी के कृषि बजट में सबसे पहले नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631.93 करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है. नहीं नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर फार्मिंग स्कीम के लिए 113.52 करोड़ के बजट से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्लान है. राज्य में किसानों के निजी नलकूपों के संचालन के लिए रियायती दरों पर बिजली की आपूर्ति की जाएगी. इस काम में 1,950 करोड़ की व्यवस्था का प्रस्ताव है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 984.54 करोड़ की व्यवस्था और नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम के लिए 753.70 करोड़ के बजट का ऐलान किया है. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषक समन्वित योजना के तहत 100 करोड़ रुपये के बजट शामिल है.
इस बार सिंचाई परियोजनाओं पर फोकस
यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सिंचाई समेत अन्य परियोजनाओं के लिए 2,516 करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया है. राज्य में मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए 5332.50 लाख रुपये, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 2220.20 लाख रुपये और लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3400 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
होलसेल फिश मार्केट और दूध उत्पादन को बढ़ावा
यूपी हमेशा से ही दूध उत्पादन का हब रहा है. राज्य में अब मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों के अतिरिक्त आय के सृजन के लिए खेत में तालाब बनाकर मछली पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए सरकार अनुदान भी देती है. राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ ही गया है, लेकिन अब इसकी मार्केटिंग की चिंता खत्म करते हुए सरकार ने होल सेल फिश मार्केट खोलने का ऐलान किया है. इसके लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 257.50 लाख रुपये के खर्च का प्रावधान है.
वहीं दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्तमान दूध संघों को सुदृढ़ीकरण और पुनर्जीवित किया जाएगा, जिसके लिए योजना के तहत 86.95 करोड़ खर्च किए जाएंगे. वाराणसी और मेरठ में डेयरी परियोजनाओं के लिए 60 करोड़ की व्यवस्था प्रसातावित है. वहीं नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन के लिए 61.21 करोड़ के बजट की व्यवस्था का प्रस्ताव है.
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