यूपी सरकार ने खोला राहतों का पिटारा, Agri Junction से लेकर सब्सिडी, मंडी शुल्क में छूट, मिलेट-मछली पालन को भी बढ़ावा
UP Cabinet: शनिवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में यूपी सरकार ने एग्री जंक्शन से लेकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, मिलेट प्रोग्राम को मंजूरी, स्टांप शुल्क, मंडी शुल्क में छूट, सब्सिडी का भी प्रावधान है.
Agri Junction Scheme: यूपी को एग्रीकल्चर हब बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किसानों के हित में अहम फैसले लिए जा रहे हैं. इस कड़ी में यूपी की योगी सरकार ने भी किसानों के लिए राहत-अनुदान का पिटारा खोला है. शनिवार हो हुई कैबिनेट बैठक में यूपी मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम से लेकर एग्री जंक्शन स्कीम, यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति और मत्स्य पालक कल्याण कोष के गठन को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा, स्टांप शुल्क से छूट, दूसरे राज्यों से लाई कृषि उपज पर मंडी शुल्क और उपकर से छूट, बिजली आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर सब्सिडी और निर्यात के लिए परिवहन सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है.
एग्री जंक्शन योजना को मंजूरी
यूपी कैबिनेट ने 'प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन' यानी एग्री जंक्शन स्कीम को अगले 5 साल के लिए संचालन की मंजूरी दे दी है. इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य किसानों की उपज को कृषि केंद्र (एग्री जंक्शन) के बैनर तले 'वन स्टॉप शॉप' के माध्यम से समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाना है. इस योजना की शुरुआत 2015-16 में की गई थी. तब से लेकर अब तक राज्य में कुल 4,311 एग्रीजंक्शन केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है.
कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल उत्पादों के लिए कृषि केंद्र (एग्रीजंक्शन) बैनर तले समस्त सुविधाएं 'वन स्टॉप शॉप' के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना है। योजना संचालन के प्रारम्भ वर्ष 2015-16 से अद्यतन कुल 4,311 एग्रीजंक्शन केंद्र, प्रदेश में स्थापित किए जा चुके हैं। pic.twitter.com/3w4d0CP5be
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यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति को मंजूरी
यूपी कैबिनेट ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 को भी मंजूर कर दिया है. इस नीति के तहत 12.5 एकड़ से अधिक जमीन खरीदने की परमिशन, जमीन को गैर-कृषि उपयोग के लिए शुल्क से छूट, परियोजना के तहत आने वाली सरकारी जमीन के विनियम के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज की जमीन के इस्तेमाल में बदलाव के लिए भी 10,000 रुपये का प्रतीकात्मक शुल्क प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. सरकार का मानना है कि इससे यूपी में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के विकास-विस्तार, इनवेस्टमेंट, रोजगार और इससे जुड़े स्टेक होल्डर की इनकम में इजाफा होगा.
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।
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मंत्रिपरिषद ने आबकारी नीति वर्ष 2023-24 प्रख्यापित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।#UPCabinet pic.twitter.com/5m74uFPOMw
स्टांप शुल्क, मंडी शुल्क में छूट का प्रावधान
यूपी मंत्रीमंडल की नई घोषणाओं में बाहरी विकास के लिए 50,000 रुपये प्रतीकात्मक शुल्क, स्टांप शुल्क से छूट, दूसरे राज्यों से आने वाली कृषि उपज पर मंडी शुल्क और उपकर से छूट, बिजली आपूर्ति को आसान बनाने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर सब्सिडी, निर्यात के लिए परिवहन सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है.
इतना ही नहीं, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए फूड प्रोसेसिंग में एक्सपीरिएंस और सिलेबस चलाने वाले शिक्षण संस्थानों और कॉलेजों को भी सूचीबद्ध किया जाएगा. खुद विभाग इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स और प्रस्तावों का मूल्यांकन और वेरिफिकेशन करेगा.
मत्स्य पालक कल्याण कोष का गठन
यूपी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष के गठन से जुड़े एक प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है. इस संबंध में यूपी मछली (विकास एंव नियंत्रण) की नियमावली-2022 में संशोधन किए गए हैं. साथ ही 2022-23 के लिए 25 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया है, जिससे यूपी के मछली पालन, मछली आखेट और मछलियों की मार्केटिंग से अपनी आजीविका चलाने वाले मछुआरों को खास मदद दी जाएगी. साथ ही, गांव में खाली पड़ीं अनुपयोगी जमीन, तालाब, पोखर, जलाशयों का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे बेरोजगारों को आय के नए साधन प्राप्त होंगे.
मंत्रिपरिषद ने 'उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष' के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश मत्स्य (विकास एवं नियंत्रण) (तृतीय संशोधन) नियमावली-2022 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।#UPCabinet pic.twitter.com/M9r5aU6baw
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मिलेट हब बनेगा यूपी
राज्य ने ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा और मडुआ का उत्पादन, प्रसंस्करण और उपभोग को बढ़ाने का भी एक प्लान तैयार किया है. इसके लिए यूपी मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है, जिसके तहत यूपी के 75 जिलों में मिलेट का रकबा बढ़ते हुए किसानों की इनकम में भी इजाफा करना है.
इस स्कीम को अगले 5 साल साल 2026-27 तक संचालित करने की प्लानिंग है, जिसके लिए 186.26 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान है. मिलेट की खेती को बढ़ाने के लिए बीजों की मिनी किट का निशुल्क वितरण भी शामिल है. इसके लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों, जो पीएम किसान योजना में पंजीकृत हैं, को चुना जाएगा.
इनमें से 25% किसान अनुसूचित जाति के होंगे. साथ में मिलेट प्रोसेसिंग, पैकिंग और मार्केटिंग सेंटर की स्थापना का भी प्लान है. मिलेट उत्पादों की बिक्री के लिए मोबाइल आइटलेट और रिटेल स्टोर्स की मदद ली जाएगी.
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश में मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देते हुए क्षेत्राच्छादन/उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि कर किसानों की आय में वृद्धि करना तथा मूल्य संवर्धन एवं विपणन के माध्यम से जन सामान्य के आहार में मिलेट्स के उपभोग को बढ़ावा देकर संतुलित आहार की तरफ प्रेरित करना है। pic.twitter.com/4Sus0vAIG6
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