Parali Purchase in UP: देशभर में वायु प्रदूषण रोकने और पराली के उचित प्रबंधन की कवायद की जा रही है. हरियाणा सरकार ने तो पराली को न्यूनतम समर्थन मूल्य (Stubble MSP) पर खरीदने के ऐलान कर दिया है. इसके लिए राज्य में कमेटी का भी गठन हुआ है. अब जल्द हरियाणा के किसान पराली जलाने (Stubble Burning) के बजाय उसे बेचकर अच्छा पैसा कमा पाएंगे. यहीं से प्रेरणा लेकर अब उत्तर प्रदेश प्रशासन ने भी पराली खरीदना (Stubble Purchase) शुरू कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पराली जलाने से रोकने और किसानों को इसके अच्छे दाम दिलवाने के लिए देवरिया जिला प्रशासन ने पराली की खरीद शुरू करवाई है.


इसके लिए जिले में खरीद केंद्र भी बनाया गया है. अब यहां इंडियन ऑइन कॉर्पोरेशन समेत कई निजी कंपनियां किसानों से पराली खरीदने पहुंच रही हैं. हाल ही में यहां के एक किसान से 10 टन पराली 15,000 रुपये में खरीदी गई है. इस काम में जिला प्रशासन बढ़-चढ़कर किसानों की मदद कर रहा है और पराली बेचने के लिए भी जागरुकता फैलाई जा रही है.


15,000 रुपये में बिकी 10 टन पराली


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतनपुरा गांव के एक किसान से शुभम बायो एनर्जी ने 10 टन पराली 15,000 रुपये में खरीदी है. इसके लिए किसान दयानंद गुप्ता को चैक द्वारा भुगतान मिला है. यहां जिला प्रशासन ने बायो एनर्जी बोर्ड की मीटिंग भी बुलाई, जिसमें पराली के कमर्शियल इस्तेमाल को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया . इतना ही नहीं, डीएम के निर्देशानुसार यहां पराली के उचित प्रबंधन के लिए एग्रीगेटर उद्यमी और किसाानों के बीच समन्वय भी बिठाया गया है, जिसमें पराली को खरीदने-बेचने की आपसी सहमति जाहिर हुई है.


200 रुपये क्विंटल में बिकेगी पराली


मीडिया रिपोर्ट्स के मुकाबिक, देवरिया जिले में एक पराली का खरीद केंद्र भी बनाया गया है, जहां पराली बेचने वाले किसानों को 200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान मिलेगा. वहीं अगर किसान खेत से ही पराली बेचते हैं तो 150 रुपये क्विंटल के हिसाब से पराली खरीद ली जाएगी.


इस सफलता के बाद जल्द राज्य के कई इलाकों में पराली खरीद केंद्र स्थापित करने की योजना है. इस पराली को खरीदने का जिम्मा शुभम बायो एनर्जी देवरिया, इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) ने उठाया है, जो किसानों से 150 रुपये क्विंटल के हिसाब से पराली खरीदेंगे. फिर आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके इस पराली से बायो कोल (Stubble Bio Coal) बनाया जाएगा.


कहां करें संपर्क


देवरिया के जिला प्रशासन ने पराली के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया है. लगातार किसानों को पराली से कमाई वाले उपाय बताए जा रहे हैं. अगर किसान अपनी पराली को भी इसी तरह बेचना चाहते हैं तो जिला कृषि विभाग में संपर्क कर सकते हैं.


इतना ही नहीं, जिलों में खण्ड विकास अधिकारियों को भी पराली की खरीद को प्रोत्साहन देने के निर्देश मिले हैं, ताकि पशु चिकित्साधिकारी के समन्वय से गौशालाओं में भी भूसे की आपूर्ति की जा सके. इस तरह पर्यावरण तो सुरक्षित रहेगा ही, साथ ही पराली का सदुपयोग भी होगा.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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