Mukhyamantri Matsya Sampada Yojana: खर्च कम, मुनाफा ज्यादा. हम बात कर रहे हैं मछली पालन की, जो पिछले कुछ साल में एक अच्छा मुनाफा देने वाला बिजनेस बन गया है. यदि आप खेती करते हैं तो बेहद कम लागत में एक तालाब बनवाके मछली पालन की शुरुआत कर सकते हैं. बाजार में मछलियों की मांग बढ़ गई है. ऐसे में मछली पालन बिजनेस (Fish Farming) फायदे का सौदा साबित हो सकता है. इस काम में किसानों की आर्थिक और तकनीकी मदद के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) चलाई जा रही है, जिसके तहत मछली पालन के लिए किसानों को 60 फीसदी पैसा दिया जाता है.
अब उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए भी योगी सरकार कुछ ऐसी ही स्कीम लेकर आई है. नाम है मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जिसका उद्देश्य मछली पालन क्षेत्र में रोजगार के असर बढ़ाने के लिए राज्य के किसान और मछुआरों को तालाब बनाकर पालने के लिए प्रेरित करना है.
100 मछली बीज बैंक की स्थापना
मछली पालन के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी खास प्लान तैयार किया है. मनरेगा के तहत जिन ग्राम सभाओं में सुधार का कम हुआ है, वहां पहले एक साल में 100 मछली बीज बैंक स्थापित किए जाएंगे. इसके बाद दूसरे लेवल पर अगले 5 साल में 500 मछली बीज बैंक बनाने का लक्ष्य है. इन मछली बैंकों से अच्छी क्वालिटी के मछली बीज उपलब्ध करवाने पर मेन फोकस रहेगा.
तालाब पर 40% सब्सिडी
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पहले साल तालाबों पर पट्टा धारक किसानों को 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. यूपी सरकार ने अधिकतम इकाई लागत 4 लाख रुपये निर्धारित की है, जिस पर 1 लाख 60 हजार रुपये के अनुदान का प्रावधान है.
इसमें भी दो चरण होंगे. पहले चरण में एक साल में 500 हेक्टेयर पर बने तालाबों का आबंटन होगा. वहीं दूसरे चरण में अगले 5 साल में 2,500 हेक्टेयर में बने तालाबों से पट्टाधारकों को लाभान्वित किया जाएगा.
कैसे मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभार्थियों का चयन जिला स्तर पर होगा. इस स्कीम के पर्यवेक्षण और निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति भी गठित की जाएगी, जिसके सदस्य सचिव के तौर पर मत्स्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी ही कार्यान्वयन करेंगे.
यही समिति बाद में लाभार्थियों का चयन करेगी. मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा स्कीम के तहत जल्द एक वेबसाइट बनाई जाएगी, जिस पर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे. शर्त सिर्फ यही है कि पट्टाधारक किसी भी एक परियोजना का लाभ ले सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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