Oilseeds Cultivation: देश को दलहन-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है. अब उत्तर प्रदेश भी इस अभियान ये जुड़ने जा रहा है. राज्य सरकार ने अब किसानों को दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाने पर फोकस करने को कहा है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप साही ने किसानों को पारंपरिक फसलों के बजाय दलहन-​तिलहन की खेती की तरफ बढ़ने के प्रेरित किया है, ताकि दूसरे देशों से इनके निर्यात को कम करके देश का आत्मनिर्भर बनाया जा सके.


संयुक्त मंडलीय रबी उत्पादकता समीक्षा संगोष्ठी में किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि अभी भी देश को कुल खपत का 55 फीसदी खाद्य तेल विदेशों से निर्यात करना पड़ रहा है. दालों का भी आयात हो रहा है. ऐसी स्थिति में किसानों को हाथ बढ़ाकर दलहन-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना होगा.


दाल उत्पादन में नंबर-1 हमीरपुर
यूपी के कृषि मंत्री सूर्य साही के मुताबिक, हमीरपुर जिला दलहन के उत्पादन में नंबर-2 पर है. वहीं सोनभद्र में दालों का सबसे कम 27.9 क्विंटल उत्पादन मिल रहा है. अधिकारियों को ऐसी जलवायु अनुकूल फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए. कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में सरकार ने पिछले 5 सालों में दलहन और तिलहन की एमएसपी को बढ़ाया है.


जहां प्रमुख दालों की एमएसपी 5,500 रुपये प्रति क्विंटल है तो वहीं तिलहनी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6,000 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इन फसलों से कम खर्च में ही अच्छा उत्पादन मिल जाता है, इसलिये किसानों को दलहन-​तिलहन की खेती की तरफ रुख करना चाहिए.


बागवानी फसलों से भी मुनाफा
संयुक्त मंडलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्ठी में कृषि मंत्री साही ने किसानों को बागवानी फसलों से बढ़ते मुनाफे से भी अवगत करवाया. उन्होंने बताया कि अनाजों के मुकाबले सब्जियों की खेती में मुनाफा ज्यादा है. सब्जियों की खेती करके किसान 3 महीने में ही काफी अच्छा मुनाफा कमा सकता है. बागवानी फसलों की खेती पर किसानों की सहायता के लिए राज्य में 12 करोड़ की लागत से दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी बनाए गए हैं, जिसमें से एक चंदौली और एक कौशांबी में है.


कृषि मंत्री ने कहा कि प्रयागराज की तरह राज्य के बाकी जिलों में भी बागवानी के लिए हाई-टेक नर्सरी की आवश्यकता है, जिससे किसानों को एक ही नर्सरी से 30 से 35 लाख सब्जियों के पौधे उपलब्ध करवाए जा सकें. उन्होंने बताया कि जहां सब्जियों के बीज 80,000 से 1 लाख रुपये की कीमत में मिलते हैं, वहीं सस्ती सब्जियों की पौध लेकर किसान ज्यादा अच्छा मुनाफा  ले सकते हैं.


एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
संयुक्त मंडलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार ने कृषि अवसंरचना कोष के जरिए कृषि के विकास को लेकर जानकारी दी और बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने 10,000 करोड़ के कृषि अवसंरचना कोष से राज्य में तमाम कृषि कार्यों की योजना बनाई है. अभी इस पर काफी काम करना बाकी है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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