Incubator Poultry Farming: देश-दुनिया में अंडे-मांस की डिमांड बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि अब किसानों ने खेती के साथ-साथ पोल्ट्री फार्मिंग की तरफ भी रुख किया है. अब ये पशुपालन के बाद दूसरा इनकम बूस्टर बिजनेस है, जो कम खर्च में ही किसान, ग्रामीण और यहां तक कि नए युवाओं का हौंसला बढ़ रहा है. पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के भी कई आयाम होते हैं. इन दिनों इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म काफी चर्चाओं में है. जानकारी के लिए बता दें कि अभी यूपी सरकार ने अपने अनुपूरक बजट में स्टार्टअप और इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म के लिए 100 करोड़ रुपये दिए हैं.
यूपी सरकार अब राज्य को पोल्ट्री हब बनाने की दिशा में काम रही है और ये इस प्लान के लिए सबसे पहला कदम है. इस बीच ये भी जानना जरूरी है कि साधारण पोल्ट्री फार्म और इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म में क्या अंतर है. क्यों इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म को साधारण पोल्ट्री बिजनेस से अलग और खास मानते हैं. जानिए हमारे आज के इस आर्टिकल में.
क्या है इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म
गांव से लेकर शहरों तक में अब पोल्ट्री फार्म खुल रहे हैं, इसलिए बाजार में चूजों (Broiler Chicks) की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म को इन चूजों को मेन सोर्स मानते हैं, जहां उन्नत प्रजाति के मुर्गे-मुर्गियां पाले जाते हैं, जिन्हें पेरेंट बर्ड भी कहते हैं. इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म में अंडा उत्पादन की पूरी प्रोसेस बायोलॉजिकल होती है यानी मुर्गा-मुर्गी की क्रॉसिंग से अंडे का प्रोडक्शन मिलता है.
इस तरह मिलने वाले अंडों को अलग मशीन में रखा जाता है. जब 20 से 21 दिन बाद अंडों से चूजा निकल आता है तो बाजार में बेच दिया जाता है. बाद में यही चूजे मुर्गे-मुर्गियां बनते हैं, जो आगे जाकर अंडा-मांस की खपत को पूरा करते हैं, जबकि साधारण पोल्ट्री फार्म में मुर्गियां दाना खाकर अंडा देती हैं.
महंगा होता है इनक्यूबेटर फार्म
पोल्ट्री एक्सपर्ट्स की मानें तो अंडे और ब्रॉयलर चिकन का प्रोडक्शन देने वाले पोल्ट्री फार्म की तुलना में इनक्यूबेटर फार्म कुछ महंगे होते हैं. दरअसल, इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म में जो पेरेंट बर्ड यानी चूजा देने वाले मुर्गे-मुर्गियां पाले जाते है, उनका दाना काफी अलग और खास होता है. इसका अलावा, साफ-सफाई, पक्षियों की सेहत और सुरक्षा का भी ख्याल रखना पड़ता है, जबकि साधारण पोल्ट्री फार्मिंग में इन सभी चीजों पर इतना गौर नहीं किया जाता.
यहां अंडे के बेहतर प्रोडक्शन के लिए करीब 10 फीसदी मुर्गे रखे जाते हैं, जिन्हें दाने में मिनरल्स दिए जाते हैं. ये पोल्ट्री फीड बाजार कुछ महंगी मिलती है. इन सभी खर्च और देखभाल के चलते इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म कुछ महंगा पड़ता है, लेकिन ये इसलिए भी खास है, क्योंकि इनकी संख्या कम ही होती है और बाजार में अच्छी नस्ल के चूजों की डिमांड ज्यादा.
325 रुपये का एक चूजा
एक अच्छे-मुनाफेदार पोल्ट्री फार्म की क्या निशानी होती है? अच्छी इनकम या प्रोडक्शन. दरअसल एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस तरह पशुपालन-डेयरी बिजनेस पशुओं की प्रजाति और देखभाल पर निर्भर करता है. उसी तरह पोल्ट्री बिजनेस में भी इनकम पूरी तरह अच्छी नस्ल के पेरेंट बर्ड और चूजों पर आधारित है. जो चूजे इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म में पैदा होते हैं, वो आगे जाकर पेरेंट बर्ड बनते हैं और बाद में दूसरे इनक्यूबेटर फार्म्स को चलाने में मदद करते हैं. इस तरह ये सिलसिला चलता रहता है.
जब इतनी महंगी प्रोसेस के जरिए पैदा होते हैं तो इन चूजों की वैल्यू भी बढ़ जाती है. यही वजह है कि बाजार में इनक्यूबेटर बर्ड फार्म का एक चूजा 325 रुपये में बिकता है. इस चूजे की देखभाल की जाती है, जिसके बाद 24 वीक यानी 6 महीने का होने पर ही अंडे के प्रोडक्शन के लिए तैयार होता है. इसके बाद वही महंगा दाना, बायोसिक्योरिटी, साफ-सफाई और देखभाल की प्रोसेस फॉलो की जाती है. ये अच्छे प्रोडक्शन और मुनाफे के लिए बेहतर जरूरी है. रिपोर्ट्स की मानें तो बाजार में हमेशा इन चूजों की भारी डिमांड रहती है.
कैसे खोलें इनक्यूबेटर वर्ड फार्म
एक अनुमान के मुताबिक, बड़े पैमाने पर इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म 5,000 से लेकर 10,000 पेरेंट बर्ड के साथ चालू कर सकते हैं. अभी तो यूपी सरकार ने भी 100 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है, लेकिन केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत और दूसरी स्कीम्स के जरिए भी इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म के लिए आर्थिक मदद दी जाती है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि बाजार में ब्रॉयलर चिकन की मांग बढ़ रही है, लेकिन इसकी आपूर्ति के लिए 300 करोड़ मुर्गे-मुर्गियां होनी चाहिए.
ये काम तब पूरा होगा,जब कम से कम 330 ब्राइलर चिक्स यानी चूजे पाले जाएंगे. वैसे कई कंपनियां इन चूजों की आपूर्ति करवाती है, लेकिन बाजार के अनुरूप नहीं है, इसलिए आप चाहें तो साधारण पोल्ट्री फार्म खोलने के बजाए इनक्यूबेटर पोल्ट्री फार्म खोलकर ज्यादा अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.