Sugarcane Farming: गन्ना किसानों को मिला दिवाली का तोहफा, सरकार देगी 900 रुपये/हेक्टेयर, ऐसे उठाएं लाभ
Sugarcane Cultivation: किसानों को गन्ना की फसल सुरक्षा और प्रबंधन के लिये 900 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है. इससे खेती की लागत को कम करके किसानों का मुनाफा बढ़ाने में खास मदद मिलेगी.
Subsidy for Sugarcane Farming: भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक (Biggest Sugar Producer) देश बन चुका है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब गन्ना के उत्पादन (Sugarcane Production) के साथ-साथ चीनी के प्रॉडक्शन में भी खासी बढोत्तरी हुई है. गन्ना के लिये किसानों को भी समय से भुगतान जारी कर दिया गया है.
अब आगे सरकार की योजना है कि किसानों के ऊपर भारी बड़ने वाली गन्ना की फसल (Sugarcane Crop Management) लागत को कम करके उनकी आमदनी को बढ़ाया जाये. इसके लिये केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में यूपी के गन्ना किसानों को गन्ना की फसल सुरक्षा और प्रबंधन के लिये 900 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है. इससे किसानों को कीट-रोग नियंत्रण के लिये कीटनाशकों की खरीद की लागत में काफी मदद मिलेगी.
गन्ना की खेती पर सब्सिडी
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को अनुदान की ये राशि 'बीज भूमि उपचार कार्यक्रम' और 'पेड़ी प्रबंधन कार्यक्रम' के तहत मुहैया करवाई जायेगी. राज्य सरकार के इन दोनों कार्यक्रमों को एक ही योजना से जोड़ा जायेगा. इस योजना के तहत सरकार ने अनुदान की राशि के भी बढ़ा दिया है. अब पेड़ी प्रबंधन तकनीक से गन्ना की बुवाई करना और फसल सुरक्षा की लागत को कम करने के लिये खेती की इकाई लागत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी यानी करीब 900 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जायेगा.
इससे पहले भूमि उपचार कार्यक्रम के तहत गन्ना रसायनों के खर्च का कुल 50 फीसदी अनुदान यानी 500 रुपये प्रति हेक्टेयर दिये जाते थे. इसके अलावा, पेड़ी गन्ना की फसल सुरक्षा के लिये भी 50 फीसदी अनुदान या 150 रुपये प्रति हेक्टेयर मिलता था, लेकिन अब इन दोनों कार्यक्रमों को मिलाकर एस योजना बनाई गई है, जिसमें आवेदन करने पर किसानों को पहले से ज्यादा अनुदान मिलेगा. इससे किसानों को कम लागत में रसायनिक दवाओं की खरीद और गन्ना का बेहतर उत्पादन लेने में मदद मिलेगी.
गन्ना की खेती में रसायनों का इस्तेमाल
गन्ना एक प्रमुख नकदी फसल है, जिसकी खेती से बेहतर उत्पादन लेने के लिये किसानों को बुवाई से पहले बीजोपचार और फसल की सुरक्षा के लिये लगातार निगरानी बनाये रखनी होती है. गन्ना की फसल (Sugarcane Crop) में कीट-रोगों की संभावना भी बनी रहती है, इसलिये मिट्टी की जांच (Soil Test) के आधार पर संतुलित मात्रा में रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. सबसे पहले बुवाई के लिये भी बीजोपचार (Seed Treatment of Sugarcane) करने की सलाह दी जाती है, ताकि फसल से सही उत्पादन (Sugarcane Production) मिल सके.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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