Natural Farming: यहां पैसा भी मिलेगा और एडवांस खेती भी सीखेंगे किसान, सरकार की ये योजना कमाल की है
Training of Natural Farming: किसानों को प्राकृतिक खेती की एडवांस ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए कृषि वैज्ञानिक भी जुड़ेंगे. नेचुरल प्रॉडक्ट्स की बिक्री के लिए किसानों को आउटलेट की सुविधा भी दी जाएगी.
Subsidy for Natural Farming: कम लागत में बेहतर उत्पादन देने वाली प्राकृतिक खेती को खूब बढ़ावा मिल रहा है. अब गाय पर आधारित इस जीरो बजट खेती के लिए कई राज्यों में किसानों को आर्थिक अनुदान और ट्रेनिंग भी मिल रही है. आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात का नाम इस लिस्ट में पहले से ही शामिल है. अब उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती (Natural Farming in UP) को अपनाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. राज्य सरकार ने किसानों को प्राकृतिक खेती की एडवांस ट्रेनिंग के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित गुरुकुल भेजने का भी फैसला कर लिया है. इतना ही नहीं, प्राकृतिक खेती से उपजे कृषि उत्पादों की मार्केटिंग में कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र भी किसानों की मदद करेंगे.
ये है प्राकृतिक खेती पर सरकार का प्लान
यूपी में फसलों का केमिकल मुक्त उत्पादन लेने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों को नेचुरल फार्मिंग की सही जानकारी हो, इसके लिए राज्य सरकार ने कुरुक्षेत्र के गुरुकुल में ट्रेनिंग का इंतजाम किया है. जल्द कृषि वैज्ञानिकों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा, जो किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखाएंगे. इस मिशन (Natural Farming Mission) से जुड़कर किसान कम लागत में बेहतर उत्पादन ले पाएंगे.
रिपोर्ट्स की मानें तो यूपी के 23 जिलों के 39 ब्लाकों में 23,510 हेक्टेयर में 470 क्लस्टर्स भी बनाए जाएंगे. किसानों को प्राकृतिक खेती का सर्टिफिकेशन जारी करने के लिए लैब्स बनाने के आदेश मिल चुके हैं. इस काम में कृषि विश्वविद्यालय और 89 कृषि विज्ञान केंद्र काम करेंगे. वहीं नेचुरल फार्मिंग से उपजे साफ, शुद्ध और सेहतमंद उपज की बिक्री के लिए किसानों को आउटलेट की सुविधा भी दी जाएगी.
गंगा किनारे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
भारत की 12% उपजाऊ जमीन उत्तर प्रदेश में ही मौजूद है. यहां के किसान करीब 20% खाद्यान्न उत्पादन करते हैं. अब राज्य बागवानी फसलों के उत्पादन में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. यहां संसाधनों के लिहाज से जैविक खेती और प्राकृतिक खेती करना बेहद आसान है. राज्य में एक बड़ी आबादी पशुपालन (Animal Husbandry) भी करती है, इसलिए खाद-गौमूत्र की उपलब्धता भी आसानी से हो जाएगी.
वहीं राज्य में कई नदियां भी बहती हैं, जिनके किनारे ज्यादातर मैदान खाली ही रहते है, जो खेती की लिहाज के बेहद उपजाऊ और अनुकूल है. इस जमीन का सही इस्तेमाल करने की भी योजना है, जहां एक तरफ रसायनों से नदियां प्रदूषित हो रही हैं, वहीं गंगा नदी किनारे प्राकृतिक खेती (Natural Farming Ganges River) करने से काफी लाभ होगा. जल्द सरकार गंगा किनारे खाली पड़ी जमीनों का भी आबंटन करेगी. यहां किसानों को प्राकृतिक खेती, नर्सरी और बागवानी को भी बढ़ावा मिल रहा है.
बुंदेलखंड के लिए तैयार योजना
बुंदेलखंड रीजन में भी नेचुरल फार्मिंग के प्रमोशन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक खास योजना तैयार कर ली है. यूपी के बुंदेलखंड रीजन के 7 जिलों में 47 ब्लॉक के लगभग 12,000 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती होगी, जिसके लिए 235 क्लस्टर बनाए जाएंगे. इतना ही नहीं, यूपी सरकार नेचुरल फार्मिंग के लिए किसानों को अनुदान भी देगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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