Seed Subsidy Scheme: पिछले एक सप्ताह से चल रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि जैसे हालातों ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. कई इलाकों में गेहूं की फसलें लगभग बर्बाद हो चुकी हैं. फिलहाल मौसम में तना-तनी बनी हुई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 25 मार्च तक कई जगह भारी बारिश का अनुमान जताया है. इसी बीच केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के लिए फसल नुकसान की मुआवजा राशि जारी कर दी है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्यान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले साल खरीफ फसलों में हुए नुकसान के लिए कुल 1,260 करोड़ रुपये की रकम राज्यों को जारी कर दी है.
उत्तर प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से जारी मुआवजा राशि से उत्तर प्रदेश के 9 लाख 03 हजार 336 किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. हाल ही में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने बयान जारी करके बताया कि यूपी के 2.18 लाख किसानों को खरीफ सीजन में हुए नुकसान की एवज में 597.05 करोड़ का आंशिक भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से मिल चुका है, जिसमें बीमा कंपनियों की ओर से 134.25 करोड़ भी शामिल है.
किसानों को आधे दामों पर मिलेंगे फसल के बीच
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यूपी में आंधी, बारिश, ओलावृष्टि से फसल नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए एक और राहत भरी घोषणा की है. इन किसानों को खरीफ और जायद सीजन में खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर फसल के बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे. सरकार का विशेष फोकस वर्षा प्रभावित इलाकों पर रहेगा और यहां बीजों की मिनी किट वितरित की जाएगी.
उत्पादन के साथ बढ़ेगी किसानों की इनकम
मीडिया से बातचीत करते हुए यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप साही ने बताया कि आपदा प्रभावित किसानों को बीजों की मिनीकिट वितरण और 50 प्रतिशत अनुदान पर ज्वार, बाजरा और मक्का के बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे. इससे राज्य में ना सिर्फ फसल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि खेती की लागत को भी कम किया जा सकेगा. इस योजना के तहत राज्य का 2.5 लाख हेक्टेयर रकबा कवर किया जाना है.
72 घंटे में दें फसल नुकसान की जानकारी
मौसम में हो रहे अनिश्चितकालीन बदलावों का सिलसिला अभी थमा नहीं है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में 25 मार्च तक बारिश जैसे हालातों का पूर्वानुमान जारी किया है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जा रही है कि फसल में नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनी, बैंक या कृषि विभाग के कार्यालय को सूचित करें, ताकि समय पर मुआवजे की राशि खाते में ट्रांसफर की जा सके.
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