PM Kusum Yojana: आज के आधुनिक दौर में क्या मुमकिन नहीं है. किसानों के लिए सबसे अच्छी खबर यह है कि अब खेतों से फसल उत्पादन के साथ-साथ बिजली का उत्पादन भी ले सकते हैं. इस काम में खुद सरकार भी किसानों की मदद करती है. अब सौर ऊर्जा को प्रमोट करते हुए खेत में सोलर पंप से लेकर सोलर प्लांट लगवाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है, जिससे कृषि कार्यों के लिए खेतों से ही बिजली मिल जाए. साथ में, बिजली कंपनियों को भी बिजली की बेचकर अतिरिक्त आमदनी हो जाए. उत्तर प्रदेश में भी जल्द किसानों को ऐसी ही एक योजना का लाभ मिलने वाला है.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 6 जिलों में प्राइवेट डेवलपर्स यानी किसानों के साथ बिजली की खरीदने के लिए एक समझौता किया है. यह एग्रीमेंट किसानों की आय बढ़ाने के लिए लक्ष्य के साथ पीएम कुसुम योजना के तहत 7 मेगावाट सोलर पावर जेनरेशन प्रोजेक्ट को गति देने के लिए किया गया है.
कैसे बढ़ेगी किसानों की आय
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी बंजर और अनुपयोगी कृषि भूमि पर बिजली उत्पादन के लिए सोलर प्लांट लगवा सकते हैं. इस काम में तमाम बैंक और वित्तीय संस्थाओं से तो मदद मिल ही जाएगी, साथ ही सरकार भी किसानों को सब्सिडी देगी, ताकि शुरुआती खर्च को कम किया जा सके.
इतना ही नहीं, किसान अपने खेतों में लगे सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन लेकर ना सिर्फ कृषि कार्यों को बिना किसी खर्च में पूरा कर सकते हैं, बल्कि प्राइवेट बिजली कंपनियों को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं. फिलहाल, सौर बिजली उत्पादन की सुविधा यूपी के बिजनौर, हाथरस, महोबा, जालौन, देवरिया और लखनऊ में दी जाएगी.
कितना बिजली उत्पादन होगा
प्राइवेट डेवलपर्स (किसानों) के लिए चलाई जा रही इस स्कीम को लेकर यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम. देवराज ने ऐलान किया है कि बिजनौर के विलासपुर गांव में 1.5 मेगावाट का सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र बनाया जाएगा.
हाथरस के मौहारी गांव में 0.5 मेगावाट और देवगांव के गांव में 1 मेगावाट की सुविधा दी जाएगी. महोबा और जालौन के खुकसिस गांव में 1 मेगावाट और बरियार गांव में 1 मेगावाट की सुविधा वाला सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र बनाने का प्लान है.
किसानों को पास दो विकल्प है. वो डीजल चलित सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी सिंचाई पंप में अपग्रेड करवा सकते हैं या अपने खेत में सोलर प्लांट की स्थापना करवाके बिजली उत्पादन लें और इसे बिजली कंपनियों को बेचकर सालाना 80,000 रुपये तक कमा सकते हैं. इस योजना के तहत सरकार की तरफ से किसानों को सोलर पंप की लागत पर 90 फीसदी सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जाएगी.
कुसुम योजना से बढ़ेगी आय
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को खेतों में सोलर पंप, सोलर पैनल लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन को बढ़ाया जा सके और किसान भी इसे बिजली को सरकारी या प्राइवेट कंपनियों को बेचकर अतिरिक्त आमदनी ले सकें.
आपको बता दें कि पीएम कुसुम योजना के तहत 1 मेगावाट का सोलर प्लांट लगवाने के लिए 5 एकड जमीन की आवश्यकता होती है. वहीं 0.2 मेगावाट बिजली उत्पादन का काम सिर्फ 1 एकड़ में भी हो सकता है.
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों को अपने इलाके में बिजली आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा. पहले से ही उपलब्ध डीजल पंप को सोलर पंप में बदलने का काम भी किया जाएगा. इससे भी किसानों को बिजली उत्पादन लेकर अतिरिक्त आमदनी कमाने में खास मदद मिलेगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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