Animal Loss in Rain: सिंतबर से लेकर अभी चल रही इस आफत की बारिश ने फसल और किसानों से लेकर पशुओं पर भी अपनी कहर बरपाना शुरू कर दिया है. देश के कई राज्यों से अब फसलों में नुकसान के साथ-साथ जान-माल की हानि के भी कई मामले सामने आये हैं. खासकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य के जिलों से बारिश के कारण पशु हानि की घटनाओं ने सरकार का ध्यान भी अपनी तरफ खींचा है. बारिश के कारण ग्रामीण परिवेश में मची इस तबाही के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने पशुओं हानि के केस में तत्काल भरपाई (Animal Loss Compensation) करने और फसलों में हुये नुकसान के बीच खेतों में राहत कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिये हैं.
पशु हानि पर होगी तुरंत होगी भरपाई
किसान और पशुपालकों की असली संपत्ति उनके पशु ही होते हैं. खेती की तरह पशुपालन भी अनिश्चितताओं का ही काम है, जिसमें फसल की तरह ही पशुओं को कई तरह की बीमारी और मौसम की मार झेलनी पड़ जाती है. ऐसी ही मामला उत्तर प्रदेश के कई जिलों से सामने आ रहा है, जहां किसानों को इस आपका की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. एक तरफ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं तो वहीं तेज बारिश के कारण पशुओं की मौत के भी मामले सामने आ रहे हैं.
इन समस्याओं से किसानों और पशुपालकों को राहत पहुंचाने के लिये यूपी सरकार ने पशु हानि के केस में तत्काल भरपाई के निर्देश दिये हैं. इस राहत कार्य में पंचायती राज, ग्राम विकास, राजस्व, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास, पशुपालन समेत सभी विभागों के अधिकारियों को अलर्ट मोड जारी कर दिया गया है.
बारिश प्रभावित जिलों में भी राहत कार्य
बारिश के कारण बढ़ते नुकसान को देखते हुये अब ज्यादातर राज्य सरकारें अलर्ट पर है. इस बीच राजस्थान सरकार ने भी सर्वे के निर्देश जारी कर दिये हैं. इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश में भी अधिकारियों को बारिश से प्रभावित इलाकों में राहत कार्यक्रम चलाने के निर्देश जारी किये हैं, ताकि जलमग्न खेतों और फसलों में जल भराव की निकासी की जा सके. इसके लिये आवश्यकतानुसार पंप और दूसरे साधनों के जरिये जल भराव की समस्या हल की जायेगी.
रबी फसलों की बुवाई पर बुरा असर
बता दें कि मानसून (Monsoon 2022) में देरी के कारण ही खरीफ फसलों में भारी नुकसान देखने को मिला है, लेकिन जिन किसानों ने रबी फसलों की बुवाई के लिये खेतों की तैयारी की थी, अब उनके खेतों में भी पानी भरा हुआ है, जिसके चलते दलहनी और तिलहनी फसलों की बुवाई में देरी होती जा रही है. यदि समय से रबी फसलों की बुवाई नहीं हो पाई तो इसका सीधा असर फसल चक्र (Crop Cycle) और उत्पादन पर पडेगा.
विशेषज्ञों की मानें तो अक्टूबर का समय प्रमुख रबी फसल गेहूं, चना, मटर, मसूर और सरसों की बुवाई के लिये उपयुक्त रहता है. इसके लिये खरीफ फसलों (Kharif Crops) की कटाई के बाद किसान खेतों की तैयारी करते हैं और 15 अक्टूबर रहते बीजों की बुवाई भी कर देते हैं, लेकिन अब बुवाई में देरी से रबी फसलों (Rabi Crops) की पैदावार भी प्रभावित हो सकती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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