Millets Production in UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (International Year of Millets 2023) के तहत मिलेट के प्रमोशन के लिए लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. हाल ही में, मिलेट ईयर के लिए चिन्हित ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां, रागी/मडुआ की खेती, प्रसंस्करण (Millets Processing) और उपभोग बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने 'उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम' को मंजूरी दे दी है. इस मामले में शनिवार को कैबिनेट के सामने कृषि विभाग ने प्रस्ताव पेश किया था, जिसे अब कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है.


क्या है उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम
इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 के मद्देनजर लॉन्च की गई इस नई योजना के तहत 5 सालों में यूपी सरकार ने 18626.50 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई है. इस कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य है मिलेट की खेती को बढ़ावा देते हुए क्षेत्राच्छादन, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाते हुए किसानों की आय में भी इजाफा करना.


इसके लिए वैल्यू एडीशन और मार्केटिंग के जरिए मिलेट को आम जनता की थाली तक पहुंचाया जाएगा, ताकि उन्हें संतुलित आहार को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके.






कैसे होगा योजना का क्रियान्वन
इस योजना के संचालन के लिए नीति निर्धारण, पात्रता के लिए मापदंड, अनुदान के लिए भुगतान के मानक और समय-समय पर योजना की समीक्षा के लिए कृषि निदेशक की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय परियोजना स्क्रीनिंग कमेटी भी स्थापित की जाएगी, जो प्रस्तावों को स्वीकरने और मॉनिटरिंग और फंड जारी करने का काम कृषि के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्टेट लेवल स्वीकृति समिति के तहत काम करेगी


क्यों मिलेट पर इतना फोकस है
उत्तर प्रदेश सरकार का मत है कि राज्य में पहले मोटे अनाजों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी, लेकिन किन्हीं कारणों से यह सिमटती चली गई. अब इसकी खेती के साथ-साथ प्रसंस्करण और उपभोग को दोबारा मिशन मोड में लाने की प्लानिंग है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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