Doubling Farmers Income: उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है. देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में 20% योगदान यूपी का है. यहां खेती के अलावा पशुपालन, डेयरी और फूड प्रोसेसिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इन क्षेत्रों में 3 करोड़ किसानों और ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर बनाने के लिए यूपी सरकार ने 25-25 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है. बता दें कि अगले साल आयोजित होने वाले ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2023) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक प्लान तैयार किया है, जिसमें फूड इंडस्ट्री की नामी-गिरामी 10 वैश्विक कंपनियों को निवेश के लिए न्यौता दिया जाएगा. रिपोर्ट्स की मानें तो इस मामले पर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक भी हो चुकी है, जिसमें अमेरिका की टायसन फूड से लेकर स्विटजरलैंड की नेस्ले समेत 10 दूध, डेयरी, मीट और फूड बेस्ड कंपनियों को आमंत्रित करने पर सलाह बनी है.


3 करोड़ किसानों को होगा फायदा
जाहिर है कि यूपी के कृषि, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. यहां से पहले ही दूध, मीट, कृषि और प्रोसेस्ड फूड का विदेशी निर्यात किया जा रहा है. अब इस काम को बड़े स्तर पर करने का प्लान है, जिससे यूपी के किसानों को सीधा फायदा मिल सके. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेय, बोतल बंद पानी, स्नैक्स, बच्चों के लिए पोषक आहार, औषधीय आहार और मीट के अलावा दूसरे प्रोसेस्ड फूड बनाने वाली बड़ी कंपनियों को यूपी में निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. राज्य की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन इकोनोमी बनाने के लिए डिपार्टमेंटल इनवेस्टमेंट का भी लक्ष्य है.


किसानों की उपज नहीं होगी बर्बाद
देश के कृषि खाद्य उत्पादन और विपणन को लेकर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने ताजा आंकड़े जारी किए है, जिसमें बताया गया है कि ज्यादातर कृषि उत्पाद खेत से बाजार पहुंचने तक में ही बर्बाद हो जाते हैं. हर साल अनाज, दूध, फल, मांस और मछलियों के साथ जोखिम के कारण 92,651 करोड़ का नुकसान होता है. इसमें अकेले 40,811 करोड़ की फल और सब्जियां ही होती है. इन सभी खाद्य उत्पादों की पैदावार में उत्तर प्रदेश का नाम टॉप पर आता है, इसलिए यहां नुकसान की संभावना भी ज्यादा रहती है. इसी नुकसान को कम करके यूपी सरकार आपदा को अवसर में बदलने के प्रयास कर रही है.


बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में वैश्विक कंपनियों को बुलाने के पीछे एक कारण और है. यदि ये कंपनियां राज्य में निवेश करने के लिए तैयार हो जाती हैं तो इससे किसानों और ग्रामीणों को फायदा तो होगा ही, साथ ही रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा. इनकी निर्माण इकाईयों में कच्चे और रेडीमेड माल के प्रॉडक्शन, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, लोडिं-अनलोडिंग और मार्केटिंग जैसे तमाम कामों में बड़ी संख्या में लोगों की आवश्यकता होगी, जिससे लोकल लेवल पर भी लोगों को नौकरियां मिल पाएंगी.


इन कंपनियों को बुलााएगी सरकार
अगले साल आयोजित होने वाले ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में स्विट्जरलैंड की नेस्ले, न्यूजीलैंड की फांटेरा, संयुक्त अरब अमीरात की मोंडेलेज, कनाडा की सपूटो, बेल्जियम की इनबेव, अमेरिका की टायसन फूड यूएस, डेयमार्क की आरला फूड्स, ब्रिटेन की डियाजियो, नीदरलैंड की फ्राइसलैंड कैंपिना और फ्रांस की डेनान कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा. ये कंपनियां अपने-अपने क्षेत्रों में दुनियाभर पहचानी जाती हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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