Subsidy on Food Processing Unit: किसानों को खेती के साथ-साथ दूसरे कृषि कार्य करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है, तकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें और दोगुना आमदनी कमा सकें. इन कृषि कार्यों में अभी तक पशुपालन(Animal Husbandry), डेयरी फार्मिंग(Dairy Farming), मछली पालन(Fish Farming), मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) आदि शामिल हैं, लेकिन अब खाद्य प्रसंस्करण यानी फूड़ प्रोसेसिंग (Food Processing Business) क्षेत्र से जुड़ने के लिये भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
खेत से निकले कृषि उत्पादों के सही दाम ना मिलने या फिर खेती को और भी फायदेमंद बनाने के लिये फसलों का प्रसंस्करण करके 'रेडी टू ईट' प्रॉडक्ट्स बनाये जाते हैं, जो बाजार में लगभग दोगुना दाम पर बिकते हैं. इससे किसानों को काफी फायदा हो सकता है. यही कारण है कि अब बिहार सरकार की ओर से भी चुनिंदा फसलों और कृषि उत्पादों का प्रोसेसिंग बिजनेस शुरू करने के लिये 25% तक आर्थिक अनुदान (Subsidy on Food Processing) दिया जा रहा है.
कृषि प्रसंस्करण पर सब्सिडी
बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय द्वारा बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति, 2020 के तहत खेती से जुड़े उद्यम और कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस योजना के तहत फसलों की प्रोसेसिंग या कृषि उत्पादों का उद्यम शुरू के लिये किसानों को 15% तक सब्सिडी और किसान उत्पादक संगठन (FPO/FPC) को 25% तक अनुदान दिया जायेगा.
ये है प्रमुख सेक्टर
बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (Bihar Agricultural Investment Promotion Policy 2020) के तहत फल, सब्जियां, मखाना, औषधीय और सुगंधित पौधे, बीज, शहद, चाय और मक्का को शामिल किया गया है. इन्हीं कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग या उद्यमों को प्रोत्साहित करते हुये बिहार राज्य के किसान, व्यक्तिगत निवेशक और किसान उत्पादक संगठनों से आवेदन भी मांगे गये हैं.
यहां करें आवेदन
बिहार में खेती के साथ-साथ कृषि प्रसंस्करण (Food Processing) और कृषि आधारित उद्यम के लिये बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय के पोर्टल http://horticulture.bihar.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं. इस योजना (BAIPP) से संबंधित अधिक जानकारी और आवेदन की प्रक्रिया जानने के लिये नजदीकी जिले के सहायक निदेशक, उद्यान (Horticulture Department) से संपर्क भी कर सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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