Solar Irrigation Pump: आज भी देश के कई इलाके असिंचित है. यहां फसल उत्पादन के लिए सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. इन इलाकों में अब किसान अच्छी आय ले सकते हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने एक खास रणनीति तैयार कर ली है, जिसके तहत किसान अपने खेत में नए सोलर पंप स्थापित करने या पुराने डीजल पंप को भी सोलर पंप में बदलवाने की सुविधा दी जाएगी. फिलहाल बिजनौर, हाथरस, महोबा, जालौन, देवरिया और लखनऊ के किसानों को इस योजना से जोड़ने की योजना है.


कैसे मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) ने किसानों के साथ 7 मेगावाट वाले सोलर एनर्जी प्रोडक्शन प्रोजेक्ट पर बेस्ड परियोजना के तहत एग्रीमेंट किया है. इस स्कीम के तहत किसानों को बंजर जमीन पर सोलर पंप प्लांट की स्थापना के लिए बैंक लोन और सरकारी सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. खेती में सोलर प्लांट लगाकर किसान फसल उत्पादन के साथ-साथ बिजली उत्पादन कर पाएंगे, जिसे सरकार या प्राइवेट बिजली कंपनियों को बेचा जा सकता है, हालांकि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों के पास दो विकल्प होंगे.


यदि किसान के पास पहले से ही डीजल सिंचाई पंप है तो उसे सोलर पंप में कन्वर्ट करवा  सकते हैं. इससे डीजल का खर्चा बचेगा, मुफ्त में सिंचाई हो जाएगी और जो बिजली बचेगी, उससे अतिरिक्त इनकम हो जाएगी.


दूसरा ऑप्शन यह भी है कि किसान एक दम ना सोलर पंप प्लांट स्थापित करवा सकते हैं, जिसकी लागत के 90 प्रतिशत खर्च सरकार उठाएगी. इस तरह सालाना 80,000 रुपये की इनकम होने के आसार हैं.


कितनी जमीन पर लगाएं सोलर पंप
यूपी सरकार की इस परियोजना के तहत 1 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट लगाने के लिए 5 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. किसान चाहें को 1 एकड़ जमीन पर 0.2 मेगावाट का प्लांट लगाकर भी बिजली उत्पादन कर सकते हैं.


इस प्रोजेक्ट से खेती-किसानी में बिजली आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा. इस परियोजना को लेकर यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का आगाज हो चुका है.


बिजनौर के ग्राम विलासपुर में 1.5 मेगावाट, हाथरस के गांव मौहारी में आधा मेगावाट, महोबा के गांव देवगांव में 1 मेगावाट, जालौन के गांव खुक्सिस में 1 मेगावाट, देवरिया के गांव बरियारपुर में 1 मेगावाट और लखनऊ के परसेनी में 2 मेगावाट क्षमता वाले सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं.


बुनकरों को भी अनुदान
किसानों के साथ अब से बुनकरों को भी सोलर एनर्जी से जुड़ने के लिए अनुदान दिया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य पावरलूम बुनकरों को सोलर प्लांट इंस्टॉलेशन की कुल लागत पर 50% अनुदान सरकार देगी. लाभार्थी चाहें को बाकी 50% खर्च के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं.


सोलर प्लांट स्थापना का सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि बिजली के खर्च को कम करके बिजली उत्पादन के जरिए अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं. योगी सरकार ने एससी-एसटी बुनकरों के लिए 75% अनुदान देने का फैसला किया है, लाभार्थी को 25% खर्च देना होगा, जिसके लिए बैंक लोन ले सकते हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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