Right Usage of Vermicompost Manure: जैविक खेती (Organic Farming)  में वर्मी कंपोस्ट खाद (Vermi Compost) का बड़ा महत्व है. कंपोस्ट खाद को केंचुओं (Soil Verms) की मदद से बनाया जाता है, जो खाद में कार्बनिक पदार्थों के अपघटन यानी डी-कंपोजीशन में सहायक होते हैं. इनकी मदद से ही साधारण गोबर की खाद (Organic Manure) में भी पोषक तत्व की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है. इससे पौधों के विकास में तो मदद मिलती ही है, साथ ही फसल में कीट-रोगों की संभावना भी कम हो जाती है. 


ज्यादातर किसान कंपोस्ट खाद तैयार करके जैविक खेती में इसका प्रयोग करते हैं, लेकिन उन्हें इसके इस्तेमाल की सही मात्रा और फसल की अवस्था का पता नहीं होता. कभी-कभी जरूरत से ज्यादा खाद का प्रयोग करने के कारण संसाधनों की बर्बादी होती है, जिसे रोकने के लिये फसल और मिट्टी की जरूरत के मुताबिक ही वर्मीकंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करना चाहिये.




धान और गेहूं की फसल में वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल (Use of Vermicompost for Wheat & Paddy Cultivation)
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक गेहूं और धान की फसल में खेतों की आखिरी जुताई से पहले 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से वर्मीकंपोस्ट खाद का प्रयोग करना चाहिये.


सब्जी फसल में वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल (Use of Vermicompost for Vegetable Farming)
सब्जियों की फसल से बेहतर उत्पादन लेने के लिये बुवाई या रोपाई से पहले और कुछ फसलों में मिट्टी चढ़ाने के बाद 40-50 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से वर्मीकंपोस्ट डालनी चाहिये.


दलहनी फसल में वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल (Use of Vermicompost for Pulses Cultivation)
दालों की फसल से क्वालिटी उत्पादन लेने के लिये करीब 15-20 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से वर्मीकंपोस्ट खाद को बुवाई से पहले खेत में डाल देना चाहिये, जिससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की आपूर्ति हो सके.


तिहलनी फसलों में वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल (Use of Vermicompost for Oil Seeds Farming)
तिलहनी फसलों  से अधिक तेल उत्पादन लेने के लिये बुवाई से पहले मिट्टी में ही 30-35 क्विंटल प्रति एकड़ केंचुआ खाद डालना बेहतर रहता है.


फलों के बागों में वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल (Use of Vermicompost for Fruit Orchards)
फलदार पेड़ों से फलों का बेहतर उत्पादन लेने के लिये हर पेड़ को समय पर खाद-पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें. इसके लिये 1-10 किग्रा. वर्मीकंपोस्ट प्रति पेड या पौधा इस्तेमाल करनी चाहिये.




 
वर्मीकंपोस्ट यानी केंचुआ खाद के फायदे (Benefits of Vermicompost)
रिसर्च में पाया गया है कि साधारण खाद के मुकाबले वर्मीकंपोस्ट (Vermi-Compost) यानी केंचुआ खाद से फसलों की बढ़वार और उपज क्वालिटी को बेहतर बनाने में मददगार है.



  • खेत में बुवाई से पहले वर्मीकंपोस्ट का इस्तेमाल करने पर बीजों का अंकुरण तेजी से होता है. 

  • इससे फसलों के पौध संरक्षण (Plant Protection) में सहायता मिलती है और क्वालिटी कंट्रोल करने में भी खास मदद मिलती है.

  • वर्मीकंपोस्ट में मौजूद कार्बनिक पदार्थों से पौधों में जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है. 

  • इसके इस्तेमाल से भूजल स्तर (Ground Water Level) बेहतर बना रहता है और मिट्टी में पानी को बांधने की क्षमता भी बढ़ती है.




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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