Honey Farming: पूरी दुनिया में शहद को चीनी के एक सब्सीट्यूट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. ये पूरी तरह से नेचुरल होता ही है, सेहत को भी इससे कई फायदे होते हैं. कोरोना महामारी के बाद से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में शहद की मांग भी बढ़ गई है. चीन, तुर्की, ईरान, अमेरिका और भारत को शहद का सबसे बड़ा उत्पादक कहा जाता है. साल 2020 में वैश्विक शहद उत्पादन 16 लाख 20 हजार  मीट्रिक टन आंका गया है, जिसमें पराग (नेक्टर) स्रोतों, कृषि उपजों, वन्य पुष्पों और वन्य वृक्षों से लिया गया शहद भी शामिल था. एक तरह से देखा जाए कोरोना महामारी के बाद तेजी से उभरते कारोबार में शहद का कारोबार भी टॉप पर है, लेकिन इस कारोबार में नुकसान की भी काफी संभावनाएं हैं.


कई बार संक्रमण या बीमारियों की चपेट में आने से मधुमक्खियों की संख्या कम हो जाती है, जिसका सीधा असर शहद के उत्पादन पर पड़ता है. इस गंभीर समस्या पर कई देश रिसर्च कर रहे थे, लेकिन अमेरिकी  वैज्ञानिकों ने मधुमक्खियों को जीवनदान देने वाली वैक्सीन इजाद कर ली है.


यूएसडीए ने अप्रूव कर दी मधुमक्खियों की वैक्सीन
अमेरिका शहद का बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. यहां मधुमक्खी पालन बड़े पैमाने पर किया जाता है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ही अब मधुमक्खियों को बीमारी और संक्रमण से बचाने का टीका इजाद कर लिया है, जिसे यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्मेंट ऑफ एग्रीकल्चर से मंजूरी मिल गई है. इस वैक्सीन को विकसित किया है बायोटेक कंपनी डालन एनिमल हेल्थ ने, जो मधुमक्खियों में पनपने वाली घातक बीमारी एएफबी की रोकथाम और बचाव में मददगार साबित होगी.


कैसे काम करेगी ये वैक्सीन
अमेरिका में कमर्शियल लेवल पर शहद की खेती करने वाले मधुमक्खी पालकों को जल्द ये वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाएगी. इसकी मदद से वैक्टीरियम पैनीबैसिलस लार्वा के कारण मधुमक्खियों में होने वाली अमेरिकी फुल ब्रूड (AFB) बीमारी की रोकथाम में खास मदद मिलेगी. बता दें कि एएफबी बीमारी के कारण पित्ती (सूजन) कमजोर हो जाती है, जिससे मधुमक्खियों की मौत हो जाती है.


अमेरिका के कई इलाकों में एक-चौथाई पित्ती इंफेक्टिड मिले हैं. इनसे बचाव और रोकथाम के लिए मधुमक्खियों को खिलाई जाने वाली शाही जेली में एक बैक्टीरिया जोड़ा दिया जाएगा, जिसे लेकर मधुमक्खियां अपने अंडाशय में माध्यम से इम्यूनल पावर बढ़ा लेंगी. जब इम्यूनिटी बढ़ जाएगी तो संक्रमण लगाने का खतरा भी कम होगा.


क्या है ये अमेरिकी फुल ब्रूड बीमारी (AFB)
मधुमक्खियां जैव विविधता का अहम हिस्सा हैं, लेकिन बदलती जलवायु और प्रकृतिक में हो रहे बदलावों का कुछ नकारात्मक प्रभाव इन मधुमक्खियों पर भी पड़ता है. इन्हीं में शामिल है अमेरिकी फुल ब्रूड (AFB) संक्रामक रोग, जिससे मधुमक्खियों का लार्वा बुरी तरह से प्रभावित होता है. यह बैक्टीरियम पैनीबैसिलस लार्वा की वजह से होता है. यह पर्यावरण में कई सालों तक पनपने के लिए बीजाणु भी उत्पन्न करता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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