Limited Fertilizer for Crop: खेती किसानी में फसलों से बेहतरीन पैदावार लेने के लिए खाद और उर्वरक (Fertilizer Management) का प्रयोग किया जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, किसानों को मिट्टी की जांच (Soil Test) के आधार पर ही खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल संतुलित मात्रा (Fertilizer Limits) में इस्तेमाल करना चाहिये, लेकिन कई बार फसलों से अधिक उत्पादन लेने के लालच में किसान उर्वरकों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, जिससे कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं.


रिसर्च की मानें तो आवश्यकता से अधिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने पर मिट्टी अपनी नमी खो देती है और भूजल स्तर भी कम हो जाता है. इससे फसलों का उत्पादन बढ़ने के बजाय बुरी तरह प्रभावित होने लगता है. इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश में उर्वरकों की खरीद पर नए नियम (Rules for Fertilizer Use) लागू किए गए हैं, जिनके मुताबिक अब सीमित मात्रा में उर्वरकों की खरीद-बिक्री हो सकेगी.


फसल की आवश्यकता के अनुसार मिलेंगे उर्वरक
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने सरसों, आलू और गेहूं की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर जमीन के हिसाब से खाद और उर्वरक संतुलित मात्रा निर्धारित कर दी है. इन उर्वरकों में यूरिया, डीएपी, एसएसपी, एमओपी, सल्फर, जिंक और बोरान आदि शामिल हैं. अब से बाजार में ये सभी उर्वरक जमीन और फसल की आवश्यकता के अनुसार ही उपलब्ध करवाये जायेंगे.


ये है उर्वरकों की निर्धारित मात्रा



  • सरसों की खेती (Fertilizer for Mustard) के लिए प्रति हेक्टेयर जमीन के हिसाब  210 किलो यूरिया, 130 किलो डीएपी, 375 किलो एसएसपी, 100 किलो एमओपी, 40 किलो सल्फर, 25 किलो जिंक उर्वरक ही किसानों को मिल पायेंगे. बता दें कि सरसों की खेती के लिए किसानों को बोरान उर्वरक नहीं मिल पायेगा. 

  • आलू की खेती (Fertilizer for Potato) के लिए किसान प्रति हेक्टेयर फसल के हिसाब से 307 किलो यूरिया, 326 किलो डीएपी, 338 किलो एसएसपी, 333 किलो एमओपी, 25 किलो सल्फर, 30 किलो जिंक और 12 किलो बोरान उर्वरक खरीद सकते हैं.

  • गेहूं की खेती (Fertilizer for Wheat) के लिए प्रति हेक्टेयर जमीन के हिसाब से किसानों को 275 किलो यूरिया, 130 किलो डीएपी, 375 किलो एसएसपी, 135 किलो एमओपी, 20 किलो सल्फर, 35 किलो जिंक उर्वरक उलब्ध करवाये जायेंगे. बता दें कि गेहूं की खेती के लिए किसानों को बोरान उर्वरक नहीं मिल पायेगा.


उर्वरक विक्रेताओं को मिले निर्देश
रिपोर्ट की मानें तो कृषि विभाग के आदेशनुसार उर्वरकों की बिक्री करने वाले फुटकर विक्रेताओं और इफको और सीसीएफ प्रबंधकों को सख्त निर्देश जारी किये जा चुके हैं. नियमों के मुताबिक यदि कोई विक्रेता निर्धारित मानकों से अधिक मात्रा या अनाधिकृत उर्वरक बेचता पाया जाता है, तो प्रशासन की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाएगी.


टोल फ्री नंबर हुआ जारी
खेती-किसानी के लिए उर्वरकों की संतुलित मात्रा निर्धारित (Balanced Amount of Fertilizers Prescribed) करने के बाद उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने विकास भवन में एक कंट्रोल रूम भी खोला है. यदि उर्वरक विक्रेता या किसान इससे जुड़ी अवैध गतिविधियों में शामिल होता है तो टोल फ्री नंबर- 730 2640 291 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.


क्यों निर्धारित हुई सीमित मात्रा
अकसर कई विक्रेताओं निर्धारित मात्रा और कीमत से अधिक महंगे दामों पर उर्वरक की बिक्री (Fertilizer Selling Price)करते हैं, जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है. इसके अलावा, कई किसान उर्वरकों को अधिक मात्रा में खरीदकर उनकी काला बाजारी करते हैं. ऐसी ही अवैध गतिविधियों को रोकने के लिये उत्तर प्रदेश कृषि विभाग (Uttar Pradesh Agriculture Department) ने फसलों के लिये उर्वरकों की मात्रा निर्धारित (Fertilizer Limits) कर दी है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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