Uttar Pradesh Agriculture News: पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश से खेत जलमग्न (Rain in Uttar Pradesh) हो गए हैं. पानी अधिक होने के कारण फसलों को खासा नुकसान(farming loss due to rain) हुआ है. नदियां- नहरें जलमग्न हैं. बर्बाद होती फसलें देखकर किसान परेशान हैं. किसानों को नुकसान होता देख उत्तर प्रदेश कृषि विभाग (UP Agriculture Department)  भी अलर्ट मोड पर आ गया है.


खेतों से निकालें पानी, काट दें मेड़
फसलों को नुकसान होता देख उत्तरप्रदेश कृषि विभाग (Agriculture Department of Uttarpradesh) ने एडवाइजरी जारी की है. विभाग ने कहा है कि मक्का, बाजरा, खीरा, मूंग, धान आदि सब्जियों जिस खेत में बुआई हो रही है. पानी भरता देख उसकी मेड़ काट दें या बारिश की आशंका है तो पहले से ही मेड़ काटकर रखे. ऐसा करने पर फसलों से पानी बाहर निकल आएगा. अधिक नुकसान भी नहीं होगा. 


किसानों में भारी तनाव
अपने खेतों में भरा पानी देखकर किसान के आंसू निकल रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी किसान गप्पी पंडित ने बताया कि गहना गोवर्धनपुर गांव में करीब 800 बीघा फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है. गांव में खीरा, गन्ना और धान की बुवाई हुई थी. धान सूख गया था, बस कटने ही वाला था। दो दिन की बारिश में धान जमीन पर गिर गया है. बारिश से वह काला पड़ जाएगा. मंडी में जो भाव किसान को मिलने चाहिए. वह नहीं मिलेंगे. पानी के कारण खीरे में गलाव पैदा हो जाएगा. यह बड़ा नुकसान है. हापुड़ के किसान राजेश ने बताया कि दो दिन की बारिश से सभी फसलों को नुकसान हुआ है. 


इन इलाकों में हुआ भारी नुकसान
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, शामली, बड़ौत के साथ-साथ उत्तरप्रदेश में कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर आदि जिलों में भी फसलें काफी हद तक प्रभावित हुई हैं. इससे फसलों की क्वालिटी के साथ-साथ पैदावार पर भी काफी बुरा असर पडेगा. 


इन फसलों को है नुकसान
भारी बारिश(heavy rain fall) से तिलहन, दलहन और अन्य फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है.  कृषि विभाग का कहना है कि बारिश दो दिन बहुत तेज हुई है. इससे उरद, मूंग, तिल और सब्जी में अगेती आलू, मटर, टमाटर, तोरिया, लौकी, कद्दू, पालक, गाजर, मूली, शलजम, फूल गोभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली, धनिया, करेला, बैगन आदि को नुकसान हुआ है. फिलहाल आसमान में बादल छाये हुये हैं और दोबारा बारिश कभी भी हो सकती है. कृषि विभाग भी परिस्थितियों पर लगातार नजर बनाए हुए है.


किसानों को मिल सकता है फसल मुआवजा
बारिश से होने वाला नुकसान प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) की स्थिति में आता है. यदि किसी किसान को अधिक नुकसान हुआ है तो वह तहसील प्रशासन में जाकर एसडीएम, तहसीलदार को सूचना दे सकता है. तहसील स्तर से कोई भी कर्मी नुकसान की समीक्षा करने आएगा. उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी. वहां से तय दर पर फसल नुकसान का मुआवजा (Crop Damage Compensation) किसान को मिल जाएगा.


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