KCC Scheme: किसानों को असर कृषि संबंधी कार्यों के लिये आर्थिक मदद की जरूरत पड़ती है. इसके लिये कई निजी संस्थायें किसानों को लोन (Agriculture Loan) तो देती है, लेकिन इनकी ब्याज दर इतनी ज्यादा होती है कि किसान ब्याज की अदायगी करते-करते ही परेशान हो जाते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Yojana) के तहत किसानों को बेहद सस्ती दरों पर अल्पकालिक लोन (Short Term Loan) की सुविधा दी जाती है. कई राज्य सरकारें किसानों को एक साथ केसीसी (KCC Loan) की सुविधा देती है.


इसी कड़ी में अब जल्द उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) भी राज्य के करीब 66 लाख किसानों को केसीसी लोन मुहैया करवाने की योजना बना रही है. राज्य में अभी तक करीब 94 लाख किसानों को केसीसी लोन दिया जा चुका है, लेकिन मौसम की अनिश्चितताओं और फसलों में हुये भारी नुकसान के बाद किसान आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं. ऐसे में केसीसी लोन के जरिये रबी फसलों की खेती (Rabib Crop farming) में आसान होगी ही और किसानों को बड़े आर्थिक संकट से उबरने में भी मदद मिलेगी. 


खेत की तैयारी के लिये सुविधा
देश में खरीफ फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर माह तक रबी फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है. इससे पहले विभिन्न कृषि यंत्रों से खेतों की तैयारी और समतलीकरण किया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रबी सत्र की रणनीति के दिशा-निर्देशों में कृषि उत्पादन आयुक्त ने फार्म मैकेनाइजेशन की विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को लेजर लैंड लेवलर उपकरण उपलब्ध करवाने को कहा है. कृषि उत्पादन आयुक्त का मानना है कि खेतों का समतलीकरण करने से उत्पादन लागत भी 7 प्रतिशत तक कम हो जाती है. साथ ही मिट्टी में सिंचाई के पानी के साथ-साथ उर्वरकों को ग्रहण करने की क्षमता भी बढ़ती है. 


किसानों को मिलेगी खाद-बीज, कीटनाशक की सुविधा
कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि दलहनी और तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिये बुंदेलखंड के कई जिलों को इंगित किया गया है, जहां दलहन-तिलहन का रकबा बढ़ाने के लिये कार्य किया जायेंगे. इसके लिये किसानों को 94,000 करोड़ से भी ज्यादा फसल ऋण भी मुहैया करवाया जायेगा. रबी सीजन में खेती को आसान बनाने के लिये किसानों को राज्य के हर जिले में डीएम-सीडीओ की ओर से बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि संयंत्र भी उपलब्ध करवायेंगे. इसी के साथ-साथ किसानों को बिजली आपूर्ति, डीजल की उपलब्धता, नलकूप-नहर द्वारा सिंचाई की समय-समय पर समीक्षा के आधार सुविधा प्रदान की जाती रहेगी.


कम हुआ गेहूं का रकबा
मौसम की अनिश्चितता और अन्य कारकों के चलते राज्य में गेहूं का उत्पादन (Wheat Production 2022) 50 हजार हेक्टेयर तक कम हो गया है. रबी सीजन 2021 (Rabi Season 2021)  में करीब 97 लाख 63 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई (Wheat Cultivation) का काम हुआ था, लेकिन किसानों को सिर्फ 3 करोड़ 64 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार मिल पाई. इस साल गेहूं का रकबा बढ़ाकर 97 लाख 13 हजार हेक्टेयर रखा गया है. इससे करीब 3 करोड़ 90 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का भी लक्ष्य है. इस बार राज्य सरकार की ओर से गेहूं की उत्पादकता (Wheat Production) बढ़ाने के भी तमाम प्रयास किये जायेंगे. साथ ही दलहन और तिहलन की  पैदावार बढ़ाने पर भी जोर रहेगा. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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