Cow Shelter: गाय का दूध पीकर लावारिस समझ छोड़ दी, अब ये कार्रवाई करेगी उत्तर प्रदेश सरकार
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जिला प्रशासन ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गया है, जो गाय का दूध पीने के बाद उन्हें आवारा छोड़ देते हैं
Cows Treatment: इंडियन कल्चर में गाय का विशेष महत्व है. गाय को माता का दर्जा दिया जाता है. गाय के दूध में मौजूद औषधीय गुण होने के कारण नवजात को पिलाने की सलाह दी जाती है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गायों की देखरेख के लिए फिक्रमंद है. कुछ लोग खुले में घूम रही गायों को तब पकड़ लेते हैं, जब वह दूध देने की स्थिति में आते हैं. लेकिन जैसे ही पशु दूध देना बंद कर देते हैं. उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. इससे पशुधन हानि के साथ ही आमजन को भी समस्या होती है. अब ऐसे ही मामलों में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेने की कार्रवाई की जा रही है.
शाहजहांपुर में शुरू हुई गायों की काउंटिंग
अमूमन गायों की संख्या जिले या स्टेट में कितनी है. इसका पता लगाना मुश्किल है. इसके पीछे वजह है कि जिला या राज्य स्तर पर गायों की गणना नहीं की जाती है. अब शाहजहांपुर जिले में हर घर में पशुओं की काउंटिंग कराई जाएगी. इनमें विशेष तौर पर फोकस गायों पर रहेगा. इसका फायदा यह होगा कि गायों की सही संख्या की जानकारी हो सकेगी और यह भी जानकारी हो जाएगी कि किस घर में गाय को दूध देना बंद होने के बाद खुले में छोड़ दिया है. ऐसे परिवार से जिला प्रशासन जवाबतलब करेगा. जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो कार्रवाई की जाएगी.
लोगों को किया जाए अवेयर
जिला प्रशासन के स्तर से कर्मचारी गांवों में जाकर लोगों को अवेयर कर रहे हैं. उन्हें समझाया जा रहा है कि दूध पीने के बाद गायों को खुले में छोड़ देने के क्या नुकसान हैं. हर गांवों में लोगों को यही समझाने की कोशिश की जा रही है. उनसे गायों के बारे में जानकारी भी ली जा रही है. पशु को क्यों छोड़ दिया गया है. इसकी जानकारी भी लिखित में कर्मचारी ले रहे हैं. उधर, उत्तरप्रदेश के अन्य जिले बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, बागपत, बड़ौत, शामली, कानपुर, गोरखपुर समेत अन्य में भी गौवंशों को खुले में छोड़ने के मामले देखने को मिल रहे हैं.
किसानों की फसलों का होता है नुकसान
पशु को खुले में छोड़ देने से किसानों को काफी नुकसान होता है. झुंड में पशु किसी एक खेत में पहुंच जाते हैं और वहां फसल के बड़े हिस्से को चर जाते हैं. कई बार उन्हें भगाते समय चोट भी लग जाती है. किसानों का कहना है कि राज्य सरकार को खुले में घूमने वाले पशुओं के लिए प्रॉपर इंतजाम करने चाहिए. गौशालाओं में अभी उतनी व्यवस्था नहीं है. इससे भी दिक्कत आ रही हैं. सड़क पर घूम रहे पशु कई बार बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.