Sugar Production In INDIA: गन्ना उत्पादन और चीनी प्रॉडक्शन में देश का दुनिया में बड़ा नाम है. ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादक देश है. उधर, चीनी एक्सपोर्ट करने में भी भारत नंबर वन बन गया है. देश के राज्यों में भरपूर गन्ना उत्पादन हो रहा है. अब राज्य भी गन्ना आपूर्ति का विस्तार कर रहे हैं. विदेशों को लाखों टन चीनी महंगे दामों पर भेजी जी रही है. इस मामले में यूपी ने बाजी मारी है.


5 लाख टन गन्ना हाई प्राइस पर बेचा
उत्तर प्रदेश में गन्ना की बंपर पैदावार की जाती है. सीजन में चीनी मिलों के आगे लंबी लंबी कतारें देखने को मिलती हैं. उत्तर प्रदेश ने विदेशों को खूब चीनी भेजी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने निर्यात कोटा में से करीब पांच लाख टन चीनी 2,500-4,000 रुपये प्रति टन के प्रीमियम यानि इतने ऊंचे मूल्य पर बेच दी हैं. केंद्र सरकार ने 5 नवंबर को वर्ष 2022-23 की चीनी निर्यात नीति में 31 मई तक 60 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट करने की परमिशन दी थी. चीनी मिलों को खुद से या निर्यातकों के माध्यम से एक्सपोर्ट करने या किसी अन्य मिल के घरेलू बिक्री कोटा के साथ अदला-बदली करने की परमिशन भी दी थी. 


इस कारण महंगी हुई चीनी मिल
चीनी महंगी होने के पीछे कुछ वजह भी हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ लैंड लॉक्ड राज्य हैं यानि ये स्टेट आसपास में भूमि स्थल से घिरे हुए हैं. इसी कारण इनके पास कोई बंदरगाह नहीं है. यदि ये स्टेट कोई वस्तु एक्सपोर्ट करना चाहें तो बंदरगाह तक पहुंचने में काफी खर्चा आता है. मसलन, बंदरगाहों तक चीनी ले जाने की एवरेज परिवहन खर्चा महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में लगभग 1,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से है. उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों का यही खर्चा 2,200 रुपये प्रति टन तक बैठ जाता है.


1.1 करोड़ टन चीनी हुई थी एक्सपोर्ट
चीनी मिलों को 60 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी गई है. 60 लाख टन के कुल निर्यात कोटे में से अबतक 41 लाख टन की ढुलाई का अनुबंध कर लिया गया है. उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में चीनी मिलों को दिए गए निर्यात कोटा से 5 लाख टन की अदला-बदली की गई मात्रा शामिल है. भारत शुरू से ही कापफी चीनी एक्सपोर्ट करता रहा है. वर्ष 2021-22 में देश ने 1.1 करोड़ टन चीनी एक्सपोर्ट की थी. इस बार 60 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट करने के पीछे मकसद है कि केंद्र सरकार देश में चीनी की प्रॉपर आपूर्ति रखना चाहती है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि देश में चीनी की कमी बिल्कुल न हो. इससे उसके दामों पर भी असर नहीं पड़ेगा. 


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