Vegetable Farming in October: भारत में पारंपरिक फसलों के बजाय बागवानी फसलों (Horticulture Crops) का रकबा बढ़ता जा रहा है. अब लोगों की थालियों में भी अनाज कम और सब्जियां ज्यादा सजने लगी हैं. यही कारण है कि सरकार भी अब फल-सब्जी जैसी बागवानी फसलों को ज्यादा तवज्जो दे रही है. किसानों को भी इनकी खेती करके कम खर्च में ही अच्छी आमदनी मिल जाती है.


फिलहाल देशभर में रबी फसलों की बुवाई (Rabi Farming) शुरू हो चुकी है. ऐसे में किसान चाहें तो साधारण सब्जियों के बजाय कुछ सेहतमंद सब्जियों की खेती (vegetable farming) करके ज्यादा पैसा कमा सकते हैं. ये सब्जियां बेहद कम लागत में बंपर उत्पादन देकर सर्दियों के अंत तक किसानों की बढ़िया आमदनी करवा सकती हैं. इनमें से कुछ सब्जियों के डिमांड गर्मियों तक भी बनी रहती है.


करेला की खेती 
हरे रंग का करेला कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों में किसी दवा की तरह काम करता है. यह एक सदाबहार फसल है, जिसकी खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है. 1 एकड़ खेत में इसकी खेती के लिए 20 से 25 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं, जिसके बाद किसान आराम से 1.5 से 2 लाख तक की आमदनी ले सकते हैं. बता दें कि 1 एकड़ में स्टेकिंग विधि से करेला की फसल लगाकर से 50 से 60 क्विंटल तक उपज मिल जाती है. ये दूसरे बेलदार सब्जियों के मुकाबले ज्यादा उत्पादन देती है. सर्दियों से लेकर गर्मियों तक इसकी डिमांड बनी रहती है.


मेथी की खेती
सर्दियों के मशहूर व्यंजनों में मेथी के पराठे और मेथी की भुजिया का नाम टॉप पर आता है. इतना ही नहीं, कई लोग इसे सुखाकर सीजनिंग की तरह इस्तेमाल करते हैं. इसके बीज और पत्तों में छिपे औषधीय गुणों के कारण इसकी डिमांड साल भर बनी रहती है, लेकिन इसकी खेती करने के लिए सही समय अक्टूबर-नवंबर ही है. ये सब्जी हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल का तोड़ है, जो किसानों के लिए भी वरदान साबित हो सकती है. एक बार मेथी की बुआई करने पर किसान 3 से 4 बार कटाई कर पैदावार ले सकता है. चाहे तो पारंपरिक फसलों के साथ भी मेथी की खेती करके अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं.


हल्दी की खेती 
ऐसी शायद ही कोई रसोई होगी, जिसमें हल्दी का इस्तेमाल नहीं होता होगा. यह हमारी थाली का अहम हिस्सा तो है ही, स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ यह सेहत को बेहतर बनाने का भी काम करती है. लोग इसका इस्तेमाल मसाले अच्छा और तरह-तरह के व्यंजनों में करते हैं. आज हल्दी घर-घर में दादी मां के प्रमुख घरेलू उपचार के रूप में मशहूर है. कई तरह के इन्फेक्शन और घाव होने पर हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही किडनी और लीवर जैसी समस्याओं में भी हल्दी संजीवनी की तरह काम करती है. इस सब्जी या औषधीय खेती करके किसान ज्यादा अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.


गाजर की खेती
गाजर को बीटा-कैरोटीन का एक अहम स्रोत मानते हैं. यह सिर्फ आंखों की रोशनी ही नहीं बढ़ाता. बल्कि त्वचा को भी सुंदर और कोमल बनाता है. सर्दियां आते-आते गाजर के डिमांड हलवे के लिए काफी बढ़ जाती है. किसान चाहें तो दूसरी फसलों के साथ गाजर की अंतरवर्तीय खेती या मिश्रित खेती करके भी गाजर का बेहतर उत्पादन ले सकते हैं. मेड़ विधि से गाजर की बुवाई करने पर काफी अच्छा उत्पादन मिलता है. खासकर गाजर की पूसा रुधिरा और पूसा असिता किस्में कम समय में ही काफी अच्छी पैदावार देती है और आकर्षक बनावट के कारण बाजार में भी हाथोंहाथ बिक जाती हैं.


सरसों साग की खेती 
सरसों रबी सीजन (Rabi Season 2022) की एक प्रमुख तिलहनी फसल है, लेकिन सर्दियों में सरसों के साग को भी लोग खूब चाव से खाते हैं. बता दें कि सरसों का साग एक पत्तेदार सब्जी है, जो सर्दियों में उगाई और खाई जाती है. किसान चाहें तो इसकी पूसा साग 1, पूसा चेतकी, समर लोंग किस्मों की बुवाई करके कम मेहनत में ही काफी अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. इन दिनों  बाजार में सरसों के साग (Sarson Ka Saag) की सप्लाई कम हो गई है. ऐसे में इसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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