Vegetables Production In UP: देश में करोड़ों की संख्या में लोग कृषि को अपना अपनाकर अपना जीवन चला रहे हैं. पढ़े लिखे लोग बड़ी नौकरी छोड़कर खेती में अपना करियर खोजने लगते हैं. वहीं, काफी संख्या में ऐसे लोग ऐसे होते हैं, जोकि कम पढ़े लिखे होते हैं. वो भी खेती में अपनी किस्मत चमका सकते हैं. यूपी निवासी एक युवक ऐसे ही किसानों का नाम रोशन कर रहे हैं. उन्होंने पढ़ाई अधिक नहीं की, मगर खेती को अपनी आजीविका के रूप में चुनकर आज बेहतर कमाई कर रहे हैं. 


यूपी के किसान राशिद ने किया नाम रोशन


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश स्थित सहारनपुर के गांव अब्दुलशपुर में किसान राशिद अहमद रहते हैं. वो यहां खेती बाड़ी में अपना हुनर दिखा रहे हैं. उन्हांेने विभिन्न तरह की सब्जियों की नर्सरी तैयार की है. सब्जियों को बेचकर राशिद अच्छी आय कर लेते है. 


एग्रीकल्चर से 12 वीं हैं पास


राशिद अहमद पढ़ाई लिखाई में एवरेज स्टूडेंट रहे. उन्होंने एग्रीकल्चर सबजेक्ट से इंटरमीडिएट किया है. इंटरमीडिएट के बाद उनके मन में ये सवाल रहा कि भविष्य में क्या किया जाए. इसके बाद काफी सोच विचार कर खेती को ही चुना. राशिद 2010 से कृषि और ग्रामीण विकास केंद्र मुजफ्फरनगर से जुड़े हुए हैं. 


नर्सरी के लिए लिया प्रशिक्षण


राशिद ने सब्जियों की नर्सरी तैयार करने के लिए प्रशिक्षण भी लिया है. उन्होंने एग्री-क्लीनिक एंड एग्री-बिजनेस सेंटर (एसी एंड एबीसी) योजना के बारे में भी जानकारी ली. उन्हें जानकारी मिली कि 12 वीं पास करने के बाद कृषि उम्मीदवार प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने प्रशिक्षण पाने के लिए आवेदन कर दिया. 


इस तरह लिया प्रशिक्षण


राशिद ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान कैंडिडेट को खेत से रूबरू कराया जाता है. उन्हें भी प्रशिक्षण के दौरान खेत पर ले जाया गया. खेत पर खेती की बारीकियां बताई गईं. नर्सरी की तकनीक और प्रबंधन की जानकारी करने के लिए तीन दिन यूनिट में रहना होता है. इसी दौरान नर्सरी में काम किया. इस दौरान उन्होंने जाना कि सब्जी के पौधे पर लागत 5 से 35 रुपये तक ही होती है, जबकि किसान इसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. 


केवल 50 हजार रुपये से किया बिजनेस शुरू


प्रशिक्षण पूरा करने के बाद राशिद ने नर्सरी बिजनेस में हाथ आजमाने का निर्णय लिया. उन्होंने केवल 50 हजार रुपये का ही निवेश किया. राशिद नर्सरी में टमाटर, बैंगन, हरी मिर्च, लाल मिर्च, ककड़ी, खीरा समेत कई फसलों की पौध तैयार कर रहे हैं. हालांकि उनका सब्जियों का चयन मौसम के अनुसार भी रहता है. 


लाखों रुपये की हो रही कमाई


राशिद ने अब कमाई का जरिया सब्जियों की नर्सरी को ही बना लिया है. उनकी फर्म किसान जीवन नर्सरी का सालाना टर्नओवर 15 लाख रुपये तक पहुंच गया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी संख्या में किसान उनसे जुड़े हुए हैं. कई लोगों को वह रोजगार भी दे रहे हैं. 



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