Bio Fertilizer: कंपोस्ट से भी महंगा बिकता है वर्मी कंपोस्ट यूनिट का कचरा, ये है फसल का ऑर्गेनिक टॉनिक 'वर्मी वाश'
Vermi Wash Organic Tonic:इस जैव उर्वरक को रासायनिक खाद और उर्वरक से भी ज्यादा शक्तिशाली बताया जाता है, जिसका छिड़काव करने पर केमिकल फर्टिलाइजर और कीटनाशकों से निर्भरता खत्म हो सकती है.
Vermi Wash Bio Fertilizer: खेती किसानी में कैमिकलों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण मिट्टी की उपजाऊ (Soil Health) शक्ति कम होती जा रही है. इससे धरती को तो नुकसान है ही, फसलों का उत्पादन (Crop Production) भी कम हो रहा है. ऐसी समस्याओं की रोकथाम के लिए किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है. बता दें कि जैविक खेती में गोबर की खाद, केंचुआ खाद (Vermi Compost) और पर्यावरण अनुकूल जैव उर्वरक (Bio Fertilizer) का इस्तेमाल किया जाता है. गांव में खेती के साथ-साथ पशुपालन (Animal Husbandry) करने के कारण गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट का इंतजाम आसानी से हो जाता है, लेकिन ज्यादातर किसान जैव उर्वरकों का इंतजाम नहीं कर पाते. बाजारों में इन जैव उर्वरकों को काफी ऊंचे दामों पर बेचा जाता है, लेकिन एक ऐसा जैव उर्वरक (Vermiwash Bio Fertilizer) भी है जो केमिकल फर्टिलाइजर से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और बेहद आसानी से बनकर तैयार जाता है. किसान चाहें तो घर पर ही कम लागत में यह जैव उर्वरक बनाकर फसलों से बेहतरीन उत्पादन ले सकते हैं.
'वर्मी वाश' जैव उर्वरक
ग्रामीण इलाकों में किसान, पशुपालक और साधारण लोग वर्मी कंपोस्ट यूनिट का बिजनेस भी करते हैं, जिसमें केंचुआ खाद तैयार की जाती है. यहां की केंचुआ खाद का इस्तेमाल तो खेती में कर लिया जाता है, लेकिन उसके बाकी बचे तरल पदार्थ को कचरा समझकर फेंक देते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि आज के समय में वर्मी कंपोस्ट यूनिट (Vermi Compost Unit) के इस तरल पदार्थ को इकट्ठा करके लाखों का मुनाफा हो सकता है. कृषि वैज्ञानिकों ने इसे वर्मी वाश नाम दिया है, जो फसलों के लिए ऑर्गेनिक टॉनिक यानी जैव उर्वरक का काम करता है.
बता दें वर्मी वाश ऑर्गेनिक टॉनिक (Vermiwash Bio Fertilizer) में पोटाश, नाइट्रोजन, फास्फोरस के अलावा सल्फर, कैल्शियम, आयरन, यूरिक एसिड और फुलविक एसिड जैसे तमाम पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इतना ही नहीं, इसमें फसलों का उत्पादन बढ़ाने वाले हार्मोन और एंजाइम भी पाए जाते हैं, जिनसे पौधों के साथ-साथ फूल और फलों के विकास में भी काफी मदद मिलती है. इससे फसलों का उत्पादन तो बढ़ता ही है, साथ ही कीट रोग का खतरा भी दूर होता है. किसान चाहें तो फसलों का उत्पादन बढ़ाने या फिर दोगुना पैसा कमाने के लिए केंचुआ खाद का साथ-साथ वर्मी वाश का उत्पादन भी कर सकते हैं.
कैसे बनाएं वर्मी वाश
फसलों का ऑर्गेनिक टॉनिक यानी वर्मी वाश जैव उर्वरक बनाने के लिए प्लास्टिक का ड्रम, सीमेंट की टंकी या केंचुआ खाद की यूनिट में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- प्लास्टिक का ड्रम लेकर सबसे पहले छोटे पत्थर या कंकड़ो की 5 इंच मोटी परत बिछाएं.
- इसी के ऊपर 2 इंच मोटी रेत की बालू की परत लगाएं.
- इसके बाद 3 इंच मोटी खेत की मिट्टी या बाग की मिट्टी की परत बनाएं.
- फिर 9 से 12 इंच मोटी परत में गोबर या सड़ी हुई गोबर की खाद डाल दें और ऊपर से 1.5 इंच का घास-फूस का आवरण लगा दें.
- अब सबसे ऊपर 200 से 300 केंचुओं में इस मिश्रण पर डाल दें, जो वर्मी कंपोस्ट बनाएंगे और वर्मी वाश अपने आप बनने लगेगा.
- इस मिश्रण से वर्मी वाश का उत्पादन लेने के लिए रोजाना पानी का छिड़काव करते रहें और केंचुओं को अपना काम करने दें.
इस प्रक्रिया को 30 दिनों तक लगातार जारी रखें और बाद में ड्रम या बैग्स के नीचे छोटे-छोटे छेद बना दें, जिससे वर्मी वाश टपककर निकलता रहेगा.
- वर्मी वाश को इकट्ठा करने के लिए किसी बर्तन का कंटेनर का इंतजाम करें, जिसके बाद इसे स्टोर करके भी रख सकते हैं.
- ध्यान रखें कि वर्मी वाश या वर्मी कंपोस्ट छायादार स्थान पर ही बनता है, इसके लिये किसान शेड भी डाल सकते हैं.
वर्मी वाश का छिड़काव
कंटेनर में वर्मी वाश इकट्टा करने के बाद छिड़काव करना बेहद आसान है. बता दें कि वर्मी वाश का छिड़काव करने के बाद अलग से यूरिया, डीएपी या किसी भी उर्वरक का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा.
- करीब 20 लीटर पानी में वर्मी वाश मिलाकर फसलों पर छिड़काव कर सकते हैं. फलदार पेड़ों के चारों तरफ गोलाई में आधा लीटर वर्मी वाश का घोल डाल सकते हैं.
- वैसे तो हर तरह की फसल पर वर्मी वाश का छिड़काव कर सकते हैं, लेकिन फल, सब्जियों जैसी बागवानी फसलों के लिए वर्मी वाश अमृत की तरह काम करता है.
वर्मी वाश के फायदे
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो वर्मी वाश के छिड़काव से पौधों का सही अंकुरण और फसलों का बेहतर विकास होता है.
- यह फसलों के लिए सुरक्षा कवच बनाता है, जिससे कीट-रोग नियंत्रण में काफी मदद मिलती है.
- ध्यान रखें कि नये अकुंरित या छोटे पौधों में वर्मी वाश का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि इसकी तीव्रता के कारण ज्यादातर पौधे झुलस जाते हैं.
- फसलों पर वर्मी वाश का प्रयोग करने से पहले हमेशा पानी में घोल बनायें और आवश्यकता के अनुसार ही छिड़काव करें.
बता दें कि 'वर्मी वाश' रासायनिक खाद और उर्वरक से भी ज्यादा शक्तिशाली होता है. इस ऑर्गेनिक टॉनिक (Vermiwash Organic Tonic) का फसलों पर छिड़काव करने पर केमिकल फर्टिलाइजर (Chemical Fertilizer) और कीटनाशकों से निर्भरता खत्म की जा सकती है. इससे (Vermiwash Bio Fertilizer) खेती की लागत कम करने में मदद मिलेगी और कम समय में ही फसलों से बेहतरीन उत्पादन मिलने लगेगा.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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