Stubble Management: इस कृषि यंत्र से मिनटों में हुआ पराली का जबरदस्त प्रबंधन, वीडियो देखकर हर कोई हुआ हैरान
Crop Residue Management:स्ट्रॉ बेलर मशीन से पराली प्रबंधन करते किसान का वीडियो अमृतसर से वायरल हुआ है, जहां खेत में फैले फसलों के अवशेष को बंडलों में समेटकर पराली का प्रबंधन किया है.
Stubble Management Machines: भारत में धान की कटाई के बाद पराली का प्रबंधन किसानों के साथ-साथ सरकार के लिए भी एक बड़ी समस्या बन जाती है. हर साल सरकार की तरफ से जागरुकता कार्यक्रम, सब्सिडी योजनाएं और आर्थिक सहायता भी दी जाती है. इसके बावजूद किसान पराली को आग की भेंट चढ़ा देते हैं. भारत में पराली जलाना गैर-कानूनी है, लेकिन कई राज्यों में किसान धड़ल्ले से पराली को जला रहे हैं. इससे वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है.
इससे सेहत को भी कई नुकसान हैं. इस साल कई राज्य सरकारों ने पराली प्रबंधन के लिए डीकंपोजर के छिड़काव से लेकर कृषि यंत्रों पर सब्सिडी तक की सुविधा किसानों को दी है. इस बीच कई किसान ऐसे भी हैं, जो सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर कृषि यंत्रों के जरिये पराली प्रबंधन कर रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो अमृतसर से सामने आया है, जहां किसान ने खेत में फैले फसलों के अवशेष को चंद मिनटों में बंडलों में समेटकर पराली का प्रबंधन किया है. किसान के इन प्रयासों को खूब सराहना मिल रही है. ये वीडियो कृषि मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @AgriGoI पर भी शेयर किया है.
विशेष स्वच्छता अभियान 2.0 के तहत कृषि विज्ञान केंद्र अमृतसर के मार्गदर्शन में किसान द्वारा बेलर मशीन से धान की पराली का कुशल प्रबंधन किया गया। #SpecialCampaign2@PMOIndia @DARPG_GoI @DrJitendraSingh pic.twitter.com/6LGdutYXB5
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) November 3, 2022
स्ट्रॉ बेलर मशीन से पराली प्रबंधन
आज आधुनिकता के दौर में कई ऐसी तकनीकें और मशीनें इजाद कर ली गई हैं, जिनसे पराली का प्रबंधन करके पैसा भी कमा सकते हैं. विशेष स्वच्छता अभियान 2.0 के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, अमृतसर के मार्गदर्शन में इस किसान ने भी बेलर मशीन से धान की पराली का कुशल प्रबंधन किया है. बता दें कि हरियाणा और पंजाब के कई किसान अभी भी पराली प्रबंधन के लिए स्ट्रॉ बेलर मशीन और सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम को अपना रहे हैं. गांव के समृद्ध किसान इन मशीनों को खरीदकर दूसरे किसानों को किराये पर भी देते हैं, जिससे खेती के साथ-साथ बढ़िया कमाई भी हो जाती है.
कंबाइन से कटाई के बाद करें पराली प्रबंधन
देश के कई इलाकों में धान और गन्ना की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर से होती है. ऐसे में फसल के अवशेष या पराली खेतों में फैल जाती है. कुछ किसान इस पराली पर डीकंपोजर का छिड़काव करते हैं तो कुछ किसान इसे बंडलों में इकट्ठा करके अच्छे दामों पर बेच देते हैं. इस काम में स्ट्रॉ बेलर मशीन और सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम मददगार साबित होते हैं. इन कृषि यंत्रों को ट्रैक्टर के साथ जोड़कर प्रयोग किया जाता है. इस तरह चंद मिनटों में खेत में फैले फसल अवशेष एक बंडल में सिमट जाते हैं. बाद में इन बंडलों को निजी कंपनियों या फैक्ट्रियों में बेच दिया जाता है.
पराली से बनाएं भूसा
पराली जलाने (Stubble Burning) से किसानों की समस्या भी हल नहीं होती. पराली जलने के साथ मिट्टी के जीवांश भी खत्म हो जाते हैं. इसके बाद पराली को खेत में फैलाने के लिए भी काफी मेहनत करनी होती है. इस सब के बावजूद फसल का उत्पादन भी कम हो जाता है. इन सभी नुकसानों को जड़ से कम करने के लिए पराली का भूसा बनाकर भी बेच सकते हैं. इस काम में थ्रेसर मशीन बड़े काम की होती है.
सर्दियों में भूसे की मांग भी बढ़ जाती है. ऐसे में थ्रेसर मशीन से पराली का भूसा बनाकर 500 से 600 रुपये क्विंटल के भाव पर बेच सकते हैं. इसके अलावा पराली पर डीकंपोजर (Decomposer) का छिड़काव भी एक सस्ता और टिकाऊ विकल्प है, जिससे खेत की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ जाएगी और खाद खरीदने के लिए भी खर्च नहीं करवा पड़ेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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