(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kharif Crop: खरीफ सीजन की फसलों में कैसे करें खरपतवार प्रबंधन, यहां जानें सही तरीका
Kharif Crop Management: खरपतवारों के कारण फसल की क्वालिटी खराब हो जाती है, बाजार में उपज के सही दाम नहीं मिलते, जिससे किसानों को नुकसान की संभावना होती है.
Weed Management in Kharif Crop: भारत के ज्यादातर इलाकों में किसानों ने खरीफ फसलों (Kharif 2022) की बुवाई का काम कर लिया है. इस बीच ज्यादातर फसलों में अच्छी बढ़वार (Crop Production) हो चुकी है. अकसर देखा जाता है कि फसल के साथ अनावश्यक पौधे (Weed in Crops) भी खेत में उग जाते हैं, इन पौधों को खरपतवार (Weed Management) कहते हैं. ये खरपतवार खेत के बीचोंबीज उगकर पौधों की बढ़वार को रोकते हैं. इसकी रोकथाम के लिये फसल पर खरपतवार नाशी दवाओं (Weed Control) का छिड़काव करना चाहिये. इसके अलावा, फसल में निराई-गुड़ाई करके भी इन खरपतवारों को उखाड़कर फेंक सकते हैं.
फसल में खरपतवार के नुकसान (Disadvantage of Weed)
खेत में खरपतवारों के उगने से फसल को सही मात्रा में हवा-पानी नहीं मिल पाता. ये फसल पर छाया बनाते हैं, जिससे सूरज की रौशनी फसल तक नहीं पहुंच पाती और फसल खराब होने लगती है.
- खरपतवारों के कारण ही फसल में कीड़े और बीमारियों (Pest Management) का खतरा बढ़ता है.
- खरपतवारों के कारण फसल की क्वालिटी खराब हो जाती है, बाजार में उपज के सही दाम नहीं मिलते, जिससे किसानों को नुकसान की संभावना होती है.
- खरपतवारों से पशुओं को नुकसान तो है ही, इससे इंसानों की सेहत भी प्रभावित होती है.
- इन हानिकारक पौधों के कारण ही नदी और तालाबों में प्रदूषण बढ़ता है.
- इनसे फसल में सिंचाई (Irrigation) और जल निकासी करने में रुकावट आती है.
ऐसे करें खरपतवारों का समाधान (Solution of Weed in Crops)
खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसान समय-समय पर फसल में निगरानी करते रहे और खरपतवार दिखने पर उन्हें उखाड़कर फेंक दें. विशेषज्ञों ने खरपतवारों की समस्या से निपटने के लिये कुछ तकनीक भी बताई हैं. इनका प्रयोग करके खरपतवार नियंत्रण में आसानी रहेगी.
- खेतों में खरपतवारों के संकट से निपटने के लिये उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों से ही खेती करें.
- ध्यान रखें कि गोबर की खाद और कंपोस्ट खाद को ठीक प्रकार से बनाया गया हो.
- फसल की बुवाई से पहले खेतों को ठीक प्रकार से तैयार करें और मिट्टी में गहरी जुताई लगातार सौरीकरण का काम कर लें.
- विशेषज्ञों के मुताबिक, फसल में निराई-गुड़ाई करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
- खरीफ फसलों में पहली निराई-गुड़ाई का काम बुवाई के 20-25 दिनों में दूसरी निगरानी 45 दिन बाद करें.
- पारदर्शी पोलिथाईलिन शीट की मदद से भी खरपतवारों को उगने से रोक सकते हैं, इस शीट को बुवाई के बाद 4-6 सप्ताह तक मिट्टी के ऊपर फैला सकते हैं.
- किसान चाहें तो विशेषज्ञों की सलाहनुसार खेत में रासायनिक दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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