Millets Awareness: क्या है मोटा अनाज? अब मोटे अनाज का हर स्कूल-यूनिवर्सिटी से होगा खास कनेक्शन
Benefits of Millets: आज के खान-पान से बढ़ती कब्ज और अपच की समस्या भी पोषक अनाजों के सेवन से दूर हो सकती है. इनमें पोषण के साथ-साथ औषधीय गुण भी होते हैं, जो सेहत के लिये वरदान से कम नहीं है.
![Millets Awareness: क्या है मोटा अनाज? अब मोटे अनाज का हर स्कूल-यूनिवर्सिटी से होगा खास कनेक्शन What is the Millets nutritious Creel's Benefits, types in between international millets year 2023 Millets Awareness: क्या है मोटा अनाज? अब मोटे अनाज का हर स्कूल-यूनिवर्सिटी से होगा खास कनेक्शन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/02/60c78b5f67cf5a30210e67fd209ce9a11667367303579455_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Nutritious Cereals: आज पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाजों की खूबियों के बारे में पूरी दुनिया जान चुकी है. चाहे कुपोषण के खिलाफ लड़ाई हो या फिर किसानों को मोटे अनाजों की खेती के प्रति जागरूक करना हो. इस काम में अब खुद भारत सरकार आगे आई है. कृषि मंत्रालय से लेकर शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय भी कई कार्यक्रमों के जरिये लोगों को पोषक अनाजों के फायदों से अवगत करवा रहे हैं. ये मुहीम इसलिये भी तेज हो रही है, क्योंकि देश में अभी भी कुपोषण की समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हुई.
ऐसे में लोगों को मोटे अनाजों का सेवन करने और किसानों को मोटे अनाजों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. सबसे खास बात यह है कि भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष (International Year of Millets 2023) के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. इस पहल से पोषक अनाजों को हमारी थाली से जोड़ने में काफी मदद मिलेगी.
क्या हैं पोषक अनाज
जैसा कि नाम से ही साफ है, जिन अनाजों में पोषण तत्वों का भंडार होता है, उन्हें ही पोषक अनाज कहते हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो पोषक अनाज में 3.5 गुना ज्यादा पोषण होता है. इनमें बीटा-कैरोटीन, नाइयासिन, विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जस्ता आदि खनिज लवण और विटामिन भी भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, जो साधारण अनाजों से मिलना मुश्किल है. वहीं इन मोटे अनाजों को डाइटरी फाइबर का भी अहम हिस्सा मानते हैं.
भारत में पोषक अनाज को सुपरफूड भी कहते हैं. इनके सेवन से वजन कम करने, शरीर में ब्लड प्रैशर, कोलेस्ट्राल और तमाम बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलती है. आज के खान-पान से बढ़ती कब्ज और अपच की समस्या भी पोषक अनाजों के सेवन से दूर हो सकती है. इनमें पोषण के साथ-साथ औषधीय गुण भी होते हैं, जो सेहत के लिये वरदान से कम नहीं है.
ये हैं प्रमुख मोटे अनाज
प्रमुख मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, रागी-मडुआ के अलावा जौ, कोदो, कुटकी, सांवा, कांगनी, चीना आदि शामिल है. बेशक शहरों में मोटे अनाजों को लेकर लोग कम जागरूकता हैं, लेकिन स्थानीय इलाकों में इनका खूब सेवन किया जाता है. भारत में पोषक अनाजों से तमाम पकवान बनाए जाते हैं. देश के कई इलाकों में मोटे अनाजों को प्रमुक फसल के तौर पर उगाया और खाया जाता है. भारत में मोटे अनाजों के भरपूर भंडार मौजूद है, जिनसे आज देश और विदेशी की आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है.
पोषक अनाज वर्ष 2023 मनाने का भी यही मकसद है कि देश-विदेश में इसकी मांग, प्रयोग और इसके निर्यात को बढ़ाया जा सके. ये हमारी थालियों से जुड़ेगा तो कुपोषण और सेहत से जुड़ी दूसरी समस्यायें दूर होंगीं और किसानों के जीवन से जुड़ने पर अच्छी आमदनी और प्रसंस्करण के जरिये रोजगार के अवसर के अवसर खुलेंगे.
स्कूल-यूनिवर्सिटी में भी होगा मोटे अनाजों का इस्तेमाल
आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण हमारा खान-पान काफी बदल गया है. कभी पोषक अनाज से सजने वाली हमारी थाली सिर्फ गेहूं, चावल और मैदा तक ही सीमित रह गई है.कभी हमारे पुरखों ने मोटे अनाजों के सेवन से ही सेहत को दुरुस्त रखा और लंबी-सेहतमंद उम्र हासिल की, लेकिन आज के समय में इनके बारे में लोगों का पता ही नहीं है. यही कारण है कि अब पूरी दुनिया को पोषक अनाजों से अवगत करवाना जरूरी हो गया है.
इसके शुरुआती अभियान में स्कूल के लंच बॉक्स से लेकर यूनिवर्सिटी की कैंटीन तक को शामिल किया जायेगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब से स्कूल के बच्चों को अपने लंच बॉक्स में सप्ताह में कम से कम एक बार मोटे अनाज से बना खाना लाना होगा. इस अभियान का आगाज जनवरी से किया जायेगा.
शिक्षा मंत्रालय चलाएगा अभियान
स्कूल के बच्चों से लेकर उच्च शिक्षण संस्थान और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वालों के बीच पोषक अनाजों के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी. खुद शिक्षा मंत्रालय ने अब नई पीढ़ी को मोटे अनाजों से रूबरू करवाने का जिम्मा उठाया है. इस अभियान के तहत स्कूल के बच्चों को अपने टिफिन में पोषक अनाजों से बना कोई व्यंजन या फूड प्रॉडक्ट लाना होगा. वहीं यूनिवर्सिटी की कैंटीन में भी जनवरी से पोषक अनाजों से बने फूड़ परोसे जायेंगे.
इस मामले में शिक्षा मंत्रालय ने तमाम शिक्षण संस्थानों ने मोटे अनाजों से बने पकवानों की की सूची तैयार करने के निर्देश भी दिये हैं, जिससे मैस और कैंटीन में इनका चलन बढ़ा सकें. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय का ये अभियान कुपोषण को दूर करने के लिए ग्राउंड लेवल पर काम करेगा. इसके लिए पोषक अनाजों को सीधा नई पीढ़ी से जोड़ने की योजना है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आज भी करीब 30 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें- पोषक अनाजों की इन फसलों से सुधरेगी किसानों की दशा, दोगुनी होगी आमदनी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)