(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Crop Damage: भारी बारिश, ओले से खेतों में गिर गई गेहूं की फसल, किसानों को लाखों का नुकसान
भारी बारिश ने देश भर में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है. किसान परेशान हैं. वहीं, राज्यों सरकारों के स्तर से भी किसानों के नुकसान पर नजर रखी जा रही है.
Crop Damage Due to Rain: खरीफ सीजन की फसलों को बाढ़, बारिश और सूखा ने पहले ही नुकसान पहुंचाया था. रबी फसलों में किसानों को अच्छी कमाई की उम्मीद थी. इस बार देश में रिकॉर्ड तोड़ गेहूं की बुवाई भी की गई है. किसानों की कोशिश है कि खेतों में गेहूं की बंपर पैदावार से अच्छी कमाई हो जाए. लेकिन पिछले कुछ दिनों से बदले मौसम ने किसानों के अरमानों पर पानी फेरना शुरू कर दिया है. देश के कई राज्यों में बहुत तेज बारिश दर्ज की गई. उधर, मौसम विभाग का कहना है कि अभी एक दो दिन और बारिश हो सकती है. ऐसे में देश के सामने भी अनाज का संकट गहरा सकता है.
पश्चिमी विक्षोभ ने बदले इन राज्यों में हालात
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ यानि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण हालात खराब हुए हैं. इसी कारण पानी भरे बादलों का रुख इन राज्यों की ओर हुआ है. पिछले दो दिनों में राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक देश समेत अन्य कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि हुई है.
गेहूं पर दिखा सबसे ज्यादा असर
रबी की प्रमुख फसल गेहूं है. इस समय तेज बारिश गेहूं का काल बन सकती है. पिछले दो दिनों से कई राज्यों में तेज बारिश हुई है. ऐसे में किसानों को गेहूं बर्बाद होने का डर सता रहा है. जानकारों का कहना है कि अधिक बारिश पड़ी तो गेहूं उत्पादन निश्चित तौर पर प्रभावित होगा. तेज हवा, बारिश और ओले पड़ने के कारण खेतों में ही गेहूं की फसल गिर गई है. राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गेहूं बर्बाद होने की भी खबरें हैं. आम और लीची का उत्पादन भी इन राज्यों में प्रभावित हो सकता है.
रोग, कीट लगने का भी बढ़ा खतरा
बारिश में जो नुकसान हो रहा है. किसान उसे झेल रहा है. इसके अलावा बारिश के बाद भी गेहूं नुकसान होने का खतरा है. इससे गेहूं की पफसल में रोग और कीट लगने का खतरा बढ़ा है. महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के खेतो में कटी गेहूं-चना व अन्य फसलों के भीगने और खेतों में पानी भरने से किसानों का नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से फसल बीमा के तहत मुआवजे की मांग की है. वहीं, राजस्थान के बूंदी में भी पफसल को नुकसान हुआ है. उधर, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 62000 हेक्टयर से अधिक खेती क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. औरंगाबाद, हिंगोली, नांदेड़, बीड, लातूर में किसानों को नुकसान हुआ है.