Wheat Cultivation In India: देश में इस बार अनाज का संकट पैदा नहीं होगा. राज्यों में गेहूं की बंपर बुवाई हुई हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल देश में गेहूं बुवाई का आंकड़ा बढ़ गया है. केंद्र सरकार के जो ताजा आंकड़ें सामने आए हैं. उन्होंने हर तबके को राहत दी है. 30 दिसंबर तक गेहूं का रकबा अच्छा खासा बढ़ गया है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि अनाज को लेकर किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. देश में गेहूं समेत अनाज का भरपूर भंडार है. 


गेहूं बुवाई का रकबा बढ़कर हुआ 325 लाख हेक्टेयर


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्रालय के 30 दिसंबर तक के आंकड़े सामने आए हैं. उसके अनुसार, रबी सीजन की पफसलों की बुआई की अंतिम स्टेज पर है. 30 दिसंबर तक देश में गेहूं बुवाई का रकबा बढ़कर 325.10 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले साल के सापेक्ष यह 3.59 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है. पिछले साल गेहूं के रकबे की स्थिति 313.81 लाख हेक्टेयर थी. 


गेहूं बुआई में उत्तर प्रदेश नंबर 1


रबी सीजन की प्रमुख फसलें गेहूं, मक्का, ज्वार, चना और सरसों हैं. इनकी बुवाई अक्टूबर से दिसंबर तक चलती है, जबकि कटाई मार्च-अपै्रल में कर दी जाती है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में गेहूं बुवाई के आंकड़ें जारी किए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश टॉप पर है. उत्तर प्रदेश में 3.59 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 2.52 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.89 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 1.10 लाख हेक्टेयर, बिहार में 0.87 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 0.85 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ 0.66 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल मेें 0.21 लाख हेक्टेयर, जम्मू-कश्मीर में 0.08 लाख हेक्टेयर, असम में 0.02 लाख हेक्टेयर और झारखंड में 0.03 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई है. 


इस बार रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद


कृषि मंत्रालय के के अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश गेहूं बुआई के लिहाज से बड़ा राज्य है. यहां अभी तक राज्य में लगभग एक प्रतिशत रकबे में ही गेहूं की बुवाई की गई. राज्य में गन्ना कटान चल रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि किसान गन्ना कटाई के बाद गेहूं की बुआई कर ले. देशभर में गेहूं बुआई की स्थिति को देखते हुए उम्मीद है कि इस बार गेहेूं का रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है. 


गेहूं, चावल दोनों का निर्यात बढ़ा


वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष अप्रैल से नवंबर के दौरान गेहूं का निर्यात 29.29 प्रतिशत बढ़कर 1.50 अरब डालर हो गया है. पिछले साल निर्यात का आंकड़ा 1.17 अरब डॉलर रहा. गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों के चलते केेंद्र सरकार ने मई में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. बाद में कुछ शर्ताें के साथ निश्चित गेहूं निर्यात करने की अनुमति दे दी गई. बासमती चावल का निर्यात भी अप्रैल-नवंबर 2022 के दौरान 39.26 प्रतिशत बढ़कर 2.87 अरब डालर हो गया. गैर बासमती चावल का एक्सपोर्ट 5 प्रतिशत बढ़कर 4.2 अरब डालर हो गया है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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