Wheat Cultivation: मौसम की मार से खेती से मुंह मोड़ रहे किसान, इस स्टेट में फसल का रकबा ही घट गया
भारी बारिश से उत्तर प्रदेश में फसल का रकबा घट गया. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर से चिंताजनक तस्वीर सामने आई है. अन्य जिलों में भी स्थिति बेहतर नहीं बताई जा रही है.
Wheat Crop: इस साल फसलों के लिहाज से मौसम किसानों के लिए अनुकूल नहीं रहा. पहले सूखा ने किसानों की हालत खराब कर दी. बाद में बाढ़ और फिर बारिश ने रही सही कसर पूरी कर दी. लगातार कई दिनों तक हुई बारिश के कारण लाखों रुपये की फसल बर्बाद हो गई. किसान ने कंपनसेशन के लिए सरकार से राहत की मांग की. सभी स्टेट गवर्नमेंट की ओर से किसानों की मदद की जा रही है.
राज्य सरकारों ने फसल नुकसान का सर्वे कराकर भी किसानों की सहायता की है. लेकिन बदलते मौसम चक्र ने खेती का दायरा भी सिमटने लगा है. इस मौसम के कारण ही परेशान करने वाली एक ऐसी तस्वीर उभरकर सामने आई है कि किसान ही खेती करने में अब कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इससे उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खेती करने का रकबा तक घट गया है.
उत्तर प्रदेश के जिलों में घटा रकबा
UTTAR PRADESH, BIHAR, MADHYA PRADESH, राजस्थान समेत कई राज्यों में बारिश की मार देखने को मिली है. विशेषज्ञों का कहना है कि फसल नुकसान अधिक होने के कारण किसान फसल करने में उतना इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में रकबा तक घट गया है. इस साल शासन ने यहां गेहूं के रकबे का टारगेट ही कम कर दिया है. पिछले साल एक लाख 94 हजार 544 हेक्टेयर में गेहूं प्रोडक्शन का टारगेट था. इस साल गेहूं बुवाई का लक्ष्य घटाकर 1 लाख 93 हजार 542 हेक्टेयर दिया गया है. आंकड़ों पर गौर करें तो 1002 हेक्टेयर बुवाई कम हो गई है. बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, अलीगढ़ समेत अन्य जिलों में भी बुवाई की स्थिति देखी जा रही है.
किसान ही मोड़ रहे मुंह
जानकारों का कहना है कि किसी भी फसल का रकबा कम होना चिंताजनक है. इसका सीधा अर्थ है कि किसान खेती करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. बारिश के कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. भविष्य में किसान खेती से जुड़े. इसके लिए उनकी हिम्मत जवाब देने लगी है. इसका जीता जागता एग्जांपल लखीमपुर खीरी जिला है. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि जिले में बेशक 1002 हेक्टेयर गेहूं बुवाई का लक्ष्य कम किया गया है. लेकिन गेहूं प्रोडक्शन पर फोकस अधिक है. गेहूं बुवाई का लक्ष्य कम होने के बावजूद फसल अधिक होगी.
इतने रेटों पर गेहूं का बीज उपलब्ध
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के ब्लॉकों के राजकीय बीज भंडारों पर गेहूं, लाही आदि के बीज मौजूद हैं. राजकीय बीज भंडारों पर प्रमाणित बीज का रेट 3820 रुपये प्रति क्विंटल, आधारीय बीज का रेट बीज का रेट 4025 रुपये प्रति क्विंटल तय है. किसान इन सेंटर से बीज ले सकते हैं. बीज पर गवर्नमेंट से जो सब्सिडी मिलेगी. उसे डीबीटी की मदद से किसानों के खाते में भेज दी जाएगी. धान बोते समय बारिश नहीं हुई और जब धान काटने की बारी आई तो बारिश ने फसल बर्बाद हो गई. इसी से किसान परेशान हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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