Wheat Production: देश में अनाज की कमी नहीं है. खरीफ सीजन का धान जमकर खरीदा जा रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल धान खरीद बढ़ गई है. रिकॉर्ड उत्पादन देखकर केंद्र सरकार संतुष्ट है. वहीं अब रबी सीजन की फसलों की बुवाई चल रही है. रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं हैं. केंद्र सरकार के आंकड़े देखें तो इस साल देश में भरपूर गेहूं बोया जा रहा है. 


15.3 मिलियन हेक्टेयर हुई बुवाई
भारतीय किसानों ने 1 अक्टूबर से देश में 15.3 मिलियन हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में लगभग 11 प्रतिशत अधिक है. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर के आखिरी सप्ताह तक किसानों ने सर्दियों में बोई जाने वाली प्रमुख तिलहन, रेपसीड के तहत रकबा बढ़ाकर 7.1 मिलियन हेक्टेयर कर दिया है, जो पिछले साल के 6.2 मिलियन हेक्टेयर से अधिक है. बढ़े उत्पादन को लेकर अधिकारियों का कहना है कि अक्टूबर और नवंबर में तेज बारिश हुई थी. इसकी वजह से मिट्टी की नमी का लेवल बढ़ गई है. इसी कारण किसान अधिक क्षेत्र में गेहूं बो पा रहे हैं. 


तिलहन का भी रकबा बढ़ा
देश में तिलहन का भी रकबा बढ़ रहा है. 1 अक्टूबर और 15 नवंबर के बीच कुल तिलहन क्षेत्र 7.6 मिलियन हेक्टेयर तक पहुंच गया. यह पिछले साल इसी समय 6.7 मिलियन हेक्टेयर से था. तिलहन के अधिक उत्पादन से भारत को एक्सपोर्ट करने में मदद मिलेगी, क्योंकि दुनिया के बढ़े देश जो तिलहन का आयात कई देशों से करते हैं. उन्होंने अब उन देशों से तिलहन लेने में कटौती करनी शुरू कर दी है. इसका लाभ आने वाले समय में भारत को मिलेगा. 


वनस्पति तेलों के आयात पर इतना खर्च
देश में वनस्पति तेलों की कमी न रहे. इसके लिए भारत ने वनस्पति आयात के लिए 18.99 बिलियन डॉलर खर्च किया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बढ़ते आयात बिल को लेकर फिक्रमंद हैं. वनस्पति तेलों के मामले में आत्मनिर्भर होने के लिए भारत लगातार कदम उठा रहा है. वहीं, खाद्य तेल के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने के प्रयासों के तहत देश में डेवलप किए गए सरसों के बीज आदि को मंजूरी दे दी है. 



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