Wheat Seeds: रबी सीजन चल रहा है. किसान देश में गेहूं की बुआई कर रहे हैं. बाजार और ब्लॉक पर किसान अच्छे बीजों की तलाश कर रहे हैं. वहीं, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट और एग्रीकल्चर एक्सपर्ट भी अपने स्तर से किसानों को गेहूं के नाम सुझा रहे हैं. अब हिमाचल प्रदेश में गेहूं की दो नई किस्में तैयार की गई हैं. किसान अपने खेतों में इन्हें बोकर बंपर पैदावार पा सकते हैं. विशेष बात यह है कि इन प्रजातियों को अधिक पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी. किसानों के सामने पानी का संकट भी खत्म हो जाएगा.
DBW 222, DBW 187 नाम सुझाए
हिमाचल प्रदेश सरकार स्टेट में गेहूं उत्पादन बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. अब एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट डीबीडब्ल्यू 222, डीबीडब्ल्यू 187 तैयार की है. साइंटिस्ट का कहना है कि नई किस्में स्टेट के एनवायरमेंट को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं. मौजूदा समय में जो गेहूं की किस्में बोई जा रही हैं. उनसे डीबीडल्यू 222, डीबीडब्ल्यू 187 का उत्पादन खासा अधिक होगा. हिमाचल में मुख्य खाद्यान्न फसलें गेहूं, धान, मक्का, जौ और तिलहन हैं. सरकार का जोर इन्हीं फसलों के प्रोडक्शन पर होता है.
23 हजार क्विंटल बीज किया वितरित
हिमाचल में इन बीजों की बुआई तेज करने के लिए स्टेट गवर्नमेंट ने 23 हजार क्विंटल बीज 50 प्रतिशत सब्सिडी पर किसानों को वितरित कर दिया है. किसानों तक इन बीजों की पहुंच भी सुनिश्चित कराई जा रही है. मौजूदा गेहूं की किस्म से 35 से 37 क्विंटल अनाज प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है, जबकि जो 2 नई किस्म इजाद की गई हैं. उससे उत्पादन बढ़कर 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा.
इतना लक्ष्य किया गया तय
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट में गेहूं उत्पादन 6.17 लाख मीट्रिक टन (मीट्रिक टन) है. गेहूं के एरिया की बात करें तो यह 3.30 लाख हेक्टेयर है. चालू सीजन में 2022-23 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 1649.97 हजार मीट्रिक टन होने की संभावना है. वर्ष 2022-23 में रबी के लिए 687.41 हजार टन और खरीफ के लिए 962.56 हजार टन का लक्ष्य रखा गया है. खाद्यान्न के अलावा, राज्य में आलू, सब्जियां और अदरक भी बोया जाता है. सब्जियों के लिए 82,000 हेक्टेयर, आलू के लिए 15.10 हजार हेक्टेयर और अदरक (हरा) के लिए तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र तय किया गया है. स्टेट गवर्नमेंट किसानों की मदद के लिए सब्सिडी पर बीजों को उपलब्ध कराती है. इससे किसान कम दामों पर ही बेहतर पफसल उत्पादन पा सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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